हिंदू धर्म में हर माह मासिक दुर्गाष्टमी व्रत पूरी आस्था के साथ मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि मासिक दुर्गाष्टमी व्रत करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे का कहना है कि पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास की दुर्गा अष्टमी तिथि का 22 सितंबर शुक्रवार को दोपहर 01.35 मिनट पर शुरू होगी और अष्टमी तिथि का समापन 23 सितंबर, शनिवार को दोपहर 12.17 मिनट पर होगा। उदया तिथि के कारण मासिक अष्टमी व्रत 23 सितंबर को ही रखा जाना उचित होगा।
पापों का नाश करती है माता दुर्गा
मासिक दुर्गाष्टमी व्रत के जरिए मां दुर्गा की आराधना की जाती है। पौराणिक मान्यता है कि मां दुर्गा सभी पापों का नाश करती हैं। इस दिन यदि देवी दुर्गा की उपासना पूरी आस्था के साथ की जाती है तो देवी दुर्गा की विशेष कृपा मिलती है। माता दुर्गा की कृपा से भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। जीवन में चल रही कई परेशानियों से भी निजात मिलती है। इसके अलावा छात्र जीवन में भी उन्नति मिलती है।
मासिक दुर्गाष्टमी पर ऐसे करें पूजा
- मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- घर और मंदिर की अच्छे से सफाई करें
- पूरे घर को गंगाजल छिड़ककर पवित्र करें।
- चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की प्रतिमा या फोटो स्थापित करें।
- माता दुर्गा की प्रतिमा को लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
- देवी मां को जल अर्पित कर सोलह श्रृंगार करें।
- माता रानी को लाल चुनरी, लाल रंग का पुष्प और अक्षत आदि अर्पित करें।
- भोग में फल या मिठाई अर्पित करें।
- घी का दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
- पूजा के अंत में मां दुर्गा की आरती करें और प्रसाद वितरण करें।
- शाम के समय गेहूं और गुड़ से बनी खाद्य सामग्री से व्रत खोलें।
डिसक्लेमर
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