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ईवीएम मशीन के सॉफ्टवेयर के ऑडिट की मांग खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

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सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग द्वारा इस्तेमाल की जा रहीं इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के ‘सोर्स कोड’ की स्वतंत्र ऑडिट कराने का अनुरोध करने वाली एक जनहित याचिका पर विचार करने से शुक्रवार को मना कर दिया। अदालत ने कहा कि उसके समक्ष कार्रवाई करने योग्य ऐसी कोई सामग्री पेश नहीं की गई है, जो यह संकेत देती हो कि चुनाव आयोग ने ‘‘संवैधानिक शक्ति का उल्लंघन किया है।”

चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जे बी पारदीवाला तथा जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने जनहित याचिका खारिज करते हुए कहा कि वह नीतिगत मुद्दे में नहीं जाएगी। यदि ईवीएम के ‘सोर्स कोड’ की कोई ऑडिट रिपोर्ट है, तो उसे लोगों के बीच रखने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने का भी याचिका में अनुरोध किया गया था। ‘सोर्स कोड’ कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग करने वाले प्रोग्रामर के निर्देशों और कथनों का एक ‘सेट’ होता है।

पीठ ने कहा, ‘‘चुनाव आयोग चुनाव कराने और इस प्रक्रिया को अपनी देखरेख में कराने के लिए संवैधानिक रूप से जिम्मेदार है। वर्तमान में, याचिकाकर्ता ने इस अदालत के समक्ष कार्रवाई करने योग्य ऐसी कोई सामग्री पेश नहीं की है जो यह संकेत देती हो कि चुनाव आयोग ने ‘‘संवैधानिक शासनादेश का असल में उल्लंघन किया है।” पीठ ने कहा कि किस तरीके से सॉफ्टवेयर की ऑडिट की जानी चाहिए और क्या ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक की जानी चाहिए, यह चुनाव आयोग के दायरे में आता है।

पीठ ने सुनील अहया नाम के व्यक्ति की याचिका खारिज करते हुए कहा, ‘‘इस तरह के नीतिगत मुद्दे पर, हम इस तरह का निर्देश देने के इच्छुक नहीं है जैसा कि याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया है। इस वक्त इस अदालत के समक्ष ऐसी कोई सामग्री नहीं है जो यह संकेत देती हो कि चुनाव आयोग अपने दायित्व को पूरा करने के लिए उपयुक्त कदम नहीं उठा रहा है।”

संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पीठ ने शीर्ष अदालत के कामकाज से जुड़ी कुछ चीजों का हवाला दिया और कहा कि इसने सुप्रीम कोर्ट में प्रवेश के लिए हाल में इलेक्ट्रॉनिक पास की अनुमति दी है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘यदि मैं सोर्स कोड को सार्वजनिक करना शुरू कर दूं तो क्या आप जानते हैं कि इसे कौन हैक कर सकेगा।”

याचिका दायर करने से पहले अहया ने चुनाव आयोग को एक प्रतिवेदन देकर ईवीएम के ‘सोर्स कोड’ की स्वतंत्र ऑडिट कराने की मांग की थी। अहया ने कहा कि सोर्स कोड की ईवीएम ‘सोर्स कोड’ से ही चलता है और यह लोकतंत्र को बरकरार रखने के संबंध में है। अहया ने पूर्व में 2019 के आम चुनावों से पहले भी याचिका दायर की थी। तब, अदालत ने कहा था कि आम चुनावों की घोषणा हो जाने के मद्देनजर जनहित याचिका में उठाये गये मुद्दों पर गौर करना संभव नहीं है।

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