पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने मुख्यमंत्री रहने के 18 सालों में पहली बार औचक निरीक्षण के लिए सचिवालय पहुंचे। मुख्यमंत्री के सचिवालय पहुंचते ही अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। नीतीश कुमार अब सप्ताह के पांच दिन सचिवालय में बैठेंगे और वह भी तय समय यानी सुबह के 9:30 बजे से।
बिहार सरकार के दो सचिवालय हैं। एक पुराना सचिवालय, जिसे घंटाघर सचिवालय भी कहते हैं, जहां मुख्यमंत्री का सरकारी कार्यालय है और दूसरा विकास भवन जिसे नया सचिवालय भी कहते हैं। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीन दिन पुराने सचिवालय में और 2 दिन नया सचिवालय विकास भवन में अधिकारियों के बीच बैठेंगे। दरअसल, सचिवालय में सरकारी कार्य संस्कृति पूरी तरह से चरमरा गई है। यहां के बाबू, अफसर यहां तक कि आईएएस अधिकारी भी ना तो समय से दफ्तर आते हैं और ना ही अपने दफ्तर में टिकते हैं।
बिहार सरकार के सचिवालय के बारे में कहा जाता रहा है कि 12 बजे लेट नहीं और 2 बजे भेंट नहीं। वहीं पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला आरक्षण विधायक का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हम स्टार्टिंग से ही मांग कर रहे थे कि महिलाओं को आरक्षण मिलना चाहिए। जब हम जवान हुआ करते थे तब से हमारी यह मांग थी।
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