‘राष्ट्र के निर्माण और लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमें एक होना चाहिए’… पुराने संसद भवन से विदा होते हुए बोले खड़गे
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को कहा कि सांसदों को संवैधानिक मूल्यों और आदर्शों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए। संसद की समृद्ध विरासत का जश्न मनाने के लिए पुराने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित एक समारोह में खड़गे ने इस बात का स्मरण भी किया कि संविधान सभा की बैठकें इसी कक्ष में आयोजित की गई थीं।
खड़गे ने यह भी कहा कि सांसदों के सामूहिक प्रयासों ने एक राष्ट्र के रूप में भारत के विकास के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया है। उन्होंने कहा, ‘‘संस्था की सफलता संवैधानिक मूल्यों और आदर्शों को कायम रखने में निहित है। यह विचार कि संस्थाएं पवित्र हैं और सफलता के लिए आवश्यक हैं, यह शासन और विकास में एक बुनियादी सिद्धांत है।”
खड़गे ने कहा, ‘‘जैसे-जैसे देश आगे बढ़ रहा है, हमें संवैधानिक मूल्यों और संसदीय परंपराओं को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए…अपने राजनीतिक दलों को भूलकर, हमें राष्ट्र के निर्माण, राष्ट्र, संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक होना चाहिए। यह हमारा उद्देश्य होना चाहिए।” कांग्रेस अध्यक्ष ने देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद, प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, प्रथम गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल और भारतीय संविधान के निर्माता बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के योगदान को भी याद किया।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.