नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भारत में हुए जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर बड़ा बयान दिया है। शशि थरूर ने नई दिल्ली घोषणापत्र को भारत की कूटनीतिक जीत बताया। उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर और भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत की सफल आयोजन के लिए जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा, यह जी20 में भारत के लिए गौरवशाली क्षण था।
शशि थरूर ने की अमिताभ कांत की तारीफ
एक इंटरव्यू में रूस-यूक्रेन पर पैराग्राफ पर आम सहमति बनाने संबंधी कांत की टिप्पणियों को टैग करते हुए शशि थरूर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, बहुत खूब अमिताभ कांत। ऐसा लगता है कि जब आपने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का चयन किया था, तो भारतीय वन सेवा ने एक उत्कृष्ट राजनयिक खो दिया। थरूर ने शनिवार रात किए पोस्ट में कहा, दिल्ली डिक्लेरेशन’ पर आम सहमति को लेकर भारत के जी20 शेरपा का कहना है कि रूस, चीन से बातचीत की गई, गत रात ही अंतिम मसौदा मिला। जी20 में भारत के लिए गर्व का क्षण।
सुलह और सहयोग का यही रुख नहीं अपनाती सरकार : थरूर
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने केंद्र पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि ‘दिल्ली घोषणापत्र’ (दिल्ली डिक्लेरेशन) पर आम सहमति बनाने के लिये जिस तरह से प्रयास किये गए, अफसोस की बात है कि घरेलू मामलों को सुलझाने में सरकार की ओर से सुलह व सहयोग की वैसी भावना नहीं दिखती। उन्होंने कहा कि यह दुख की बात है कि जी20 में जो समायोजन की भावना दिखी, वह भारतीय राजनीति में अनुपस्थित है। कांत के एक शुरुआती पोस्ट को टैग करते हुए थरूर ने रविवार को ‘एक्स’ पर कहा कि अफसोस की बात है कि सरकार घरेलू मुद्दों का समाधान करने में सुलह और सहयोग का यही रुख नहीं अपनाती है।
सम्मेलन में विपक्ष को शामिल नहीं करने पर कही ये बात
जी20 शिखर सम्मेलन में विपक्ष को शामिल नहीं किये जाने पर कांग्रेस नेता शशि थरूर का दर्द छलका। उन्होंने कहा, जी20 के किसी भी कार्यक्रम, स्वागत समारोह, रात्रिभोज आदि में विपक्ष के नेता और वास्तव में किसी भी विपक्षी सांसद को आमंत्रित करने में विफल रहना मेरी बात को रेखांकित करती है। कोई भी अन्य लोकतंत्र इस तरह के वैश्विक मंच पर अपने ही सांसदों की इस तरह से उपेक्षा नहीं करेगा।
प्रभावी ढंग से संभाला गया यूक्रेन का मामला : थरूर
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने जी20 शिखर सम्मेलन में भारत की कूटनीति की चर्चा करते हुए कहा, सम्मेलन में यूक्रेन के मामले को बहुत ही प्रभावी ढंग से संभाला गया। दरअसल जी20 देशों के ‘नयी दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन’ में शनिवार को कहा गया कि आज का युग युद्ध का युग नहीं है और इसी के मद्देनजर घोषणापत्र में सभी देशों से क्षेत्रीय अखंडता तथा संप्रभुता सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाए रखने का आह्वान किया गया और यूक्रेन में शांति का मौहाल कायम करने की वकालत की गई। घोषणापत्र में कहा गया है, परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी देना अस्वीकार्य है।
पूरी तरह से नई पहल है IMEE आर्थिक कॉरिडोर : थरूर
कांग्रेस नेता थरूर ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे पर कहा, भारत मध्य पूर्व यूरोपीय संघ की पहल पूरी तरह से नई है। इसमें भविष्य के लिए जबरदस्त संभावनाएं हैं, बशर्ते यह ठीक से लागू किया जाए। मैं इस पर कहूंगा, यह एक स्वागत योग्य पहल है। लेकिन हमें यह देखना होगा कि इसे हमारे देश में और अन्य देशों में जो इस पहल का हिस्सा हैं, कितनी अच्छी तरह लागू करते हैं।
सत्तारूढ़ दल का जी-20 को अपने हित में साधने का प्रयास : शशि थरूर
शशि थरूर ने जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर कहा, भारत ने पहले भी कई सम्मेलनों की मेजबानी की, लेकिन किसी सरकार ने मेजबानी को ऐसे सेलिब्रेट नहीं किया। उन्होंने आगे कहा, वास्तव में इसे एक बड़ा राष्ट्रव्यापी आयोजन बना दिया। 58 शहरों में 200 बैठकें। ये सभी चीजें अभूतपूर्व थीं। जी-20 के संदेश को सभी लोगों तक ले जाने का श्रेय भारत को जाता है। लेकिन यह सत्तारूढ़ दल द्वारा जी-20 को अपने हित में साधने का एक प्रयास भी है।
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