भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार शाम को तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 में प्रज्ञान रोवर द्वारा चंद्रमा की सतह पर ले जाए गए विक्रम लैंडर की 3डी तस्वीरे जारी कीं। यह तस्वीरे 30 अगस्त को ली गई थी। एक अपडेट में इसरो ने पोस्ट किया, ‘‘चंद्रयान -3 मिशन: एनाग्लिफ़ स्टीरियो या मल्टी-व्यू तस्वीरें तीन आयामों (डायमेंसन) में वस्तु या इलाके का एक सरल द्दश्य है।” इसमें कहा गया है कि यहां प्रस्तुत ‘एनाग्लिफ़ नवकैम स्टीरियो इमेज’ का उपयोग करके बनाया गया है, जिसमें प्रज्ञान रोवर पर ली गई बायीं और दायीं दोनों छवि शामिल है।
इस 3-चैनल छवि में, बाईं छवि लाल चैनल में स्थित है, जबकि दाहिनी छवि नीले और हरे चैनल (सियान बनाते हुए) में रखी गई है। इन दोनों छवियों के बीच परिप्रेक्ष्य में अंतर के परिणामस्वरूप स्टीरियो प्रभाव होता है, जो तीन आयामों का द्दश्य प्रभाव देता है। 3डी में देखने के लिए लाल और सियान चश्मे की अनुशंसा की जाती है। नवकैम को लीयोज /इसरो द्वारा विकसित किया गया है डेटा प्रोसेसिंग एसएसी/इसरो द्वारा किया जाता है। फिलहाल लैंडर और रोवर दोनों स्लीप मोड में हैं तथा 22 सितंबर, 2023 के आसपास उनके जागने की प्रतीक्षा है।
क्या है रोवर का आकार?
Chandrayaan-3 का रोवर का कुल वजन 26 किलोग्राम है। यह तीन फीट लंबा, 2.5 फीट चौड़ा और 2.8 फीट ऊंचा है। यह छह पहियों पर चलता है। कम से कम 500 मीटर यानी 1600 फीट तक चांद की सतह पर जा सकता है। इसकी स्पीड 1 सेंटीमीटर प्रति सेकेंड हैं। यह अगले 13 दिनों तक चांद की सतह पर तब तक काम करता रहेगा, जब तक इसे सूरज की रोशनी से ऊर्जा मिलती रहेगी।
इससे पहले इसरो (ISRO) बताया कि भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य-एल1 को पृथ्वी से जुड़ी दूसरी कक्ष (ईबीएन 2) में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया है। इसरो ने कहा कि आदित्य-एल1 का अगला कक्ष 10 सितंबर को भारतीय समयानुसार लगभग दो बजकर 30 मिनट पर बदला जायेगा। इसरो के ग्राउंड स्टेशनों ने इस बदलाव के दौरान उपग्रह को ट्रैक किया और इसकी पूरी जानकारी दी।
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