भारतीय ज्योतिष में सूर्यदेव को सभी नौ ग्रहों का स्वामी माना गया है। ज्योतिष के मुताबिक, यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्यदेव की स्थिति कमजोर होती है तो उसे जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, सूर्यदेव का कई बीमारियों से भी सीधा संबंध है। कुंडली में यदि सूर्यदेव कमजोर हैं तो स्वास्थ्य पर गंभीर असर हो सकते हैं।
यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य दृढ़ स्थिति में है तो कई बीमारियां आपको छू भी नहीं सकती है, वहीं सूर्य के कमजोर होने पर बाल झड़ेंगे और सिर दर्द की समस्या हो सकती है। इसके अलावा मांसपेशियों के दर्द से भी आप जूझ सकते हैं।
सूर्य देव से जुड़े ये उपाय करें
- सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए सूर्य वैदिक मंत्र ऊँ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्न मृतं मर्त्त्यंन्च हिरण्येन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन् का जाप करें।
- इसके अलावा तांत्रिक मंत्र ऊँ ह्रां हृीं हृौं सः सूर्याय नम का भी रोज सुबह जाप कर सकते हैं।
- सूर्य यंत्र को भोजपत्र पर अष्टगंध से रविवार को लिख कर पंचोपचार पूजन करना फायदेमंद होता है।
- ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष के पहले रविवार से हर रविवार को 12 व्रत करें। रविवार को नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।
- सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए सोना, माणिक्य, तांबा, गेहूं, गुड़, घी, पुष्प, केसर, मूंगा दान करना चाहिए।
- सूर्यदेव को कुंडली में मजबूत करने के लिए मणिक्य धारण करना चाहिए। माणिक्य धारण करने से पहले रविवार को कच्चे दूध एवं गंगा जल से साफ करें। सूर्य मंत्र का जाप करते हुए अनामिका उंगली में धारण करना चाहिए।
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