Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

वर्षा का दौर थमने से कई इलाकों में सूखा जैसे हालात, मंगलवार से पड़ सकती हैं राहत की बौछारें

7
भोपाल। मानसून द्रोणिका के हिमालय की तलहटी में बने रहने के कारण मध्य प्रदेश में वर्षा का दौर थमा हुआ है। उधर धूप के तेवर तीखे होने के कारण सूखे जैसे हालात बनने लगे हैं। हालांकि बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बन गया है। जिसके मंगलवार को कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होने की संभावना है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इस मौसम प्रणाली के प्रभाव से मंगलवार से पूर्वी मप्र में वर्षा का सिलसिला शुरू हो सकता है। बुधवार-गुरुवार से पूरे प्रदेश में रुक-रुककर वर्षा होने का दौर भी प्रारंभ होने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके पूर्व रविवार से ही कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ हल्की बौछारें भी पड़ सकती हैं।

चौबीस घंटों में ऐसा रहा मौसमउधर, पिछले 24 घंटों के दौरान रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक सतना में 0.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। बता दें कि इस सीजन में इस वर्ष एक जून से लेकर रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक मध्य प्रदेश में कुल 662.2 मिलीमीटर वर्षा हुई है, जो अभी तक होने वाली सामान्य वर्षा 808.2 मिलीमीटर वर्षा की तुलना में 18 प्रतिशत कम है। 27 जिलों में सामान्य से 20 से लेकर 46 प्रतिशत कम वर्षा हुई है।

बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवात

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में मानसून द्रोणिका के दोनों सिरे हिमालय की तलहटी में बने हुए हैं। उत्तर-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बन गया है। 48 घंटों के दौरान इस मौसम प्रणाली के उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होने के आसार हैं। इसके प्रभाव से मंगलवार से ही पूर्वी मप्र में मानसून की गतिविधियों में तेजी आने लगेगी। धीरे-धीरे पूरे प्रदेश में वर्षा होने का सिलसिला शुरू हो सकता है। इससे सूखने की कगार पर पहुंच गई सोयाबीन, धान, उड़द, मूंग की फसलों को जीवनदान मिलने की भी संभावना है।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.