जबलपुर। गढ़ा बाजार क्षेत्र के नागरिकों को बंदरों की धमाचौकड़ी से निजात नहीं मिल पा रही है। वानरों की टोली अब इतनी बेखौफ हो गई है कि घरों में घुसकर फ्रिज खोलकर उसमें रखी खाद्य सामग्री खाने से भी नहीं हिचक रहे। छोटे जैन मंदिर के पास रहने वाले अशोक पटेल के घर पर उस वक्त एक लाल मुंह का बंदर घर के भीतर आ गया और जब स्वजन भोजन कर रहे थे।
बंदर ने निर्भीकता से फ्रिज का दरवाजा खोलकर इत्मीनान से फ्रिज में रखी मूंगफली का पैकट और आधा दर्जन केले निकाल कर चंपत हो गया। वहीं आस-पास बंदरों की टोली भी घर में घुसकर फ्रिज से खाद्य सामग्री निकालने की फिराक में थी। इस दौरान पटेल परिवार स्तब्ध होकर बंदरों की हरकतों को देखते रह गया।
हमलावर भी हो गए हैं बंदर
- क्षेत्रीय नागरिकों ने बताया कि बंदर हमलावर भी हो गए हैं।
- भगाने पर बंदर लोगों पर हमला करने से भी नहीं चूकते।
- कई बार बंदरों के हमले से बचने के दौरान लोग गिर कर घायल भी हो चुके हैं।
- गढ़ा क्षेत्र के रहवासी पिछले कई वर्षों से बंदरों के खौफ के बीच रह रहे हैं।
कई बार दिए आवेदन
क्षेत्र के गोविंद जायसवाल, बिल्लू जायसवाल, राजेश मिश्रा , उत्तम चंद जैन गोलू पटेल, राजेन्द्र जैन आदि ने बताया कि यहां बंदरों के आतंक से राहत पाने के लिए कई बार नगर निगम प्रशासन तथा वनविभाग आदि कार्यालयों में बहुत आवेदन पत्र दिए लेकिन कोई भी संतोष जनक नहीं हो पा रही है।
मथुरा से बुलानी पड़ती है टीम
क्षेत्रीय नागरिकों ने बताया कि वन विभाग और नगर निगम द्वारा पूर्व में बंदरों से छुटकारा दिलाने के प्रयास किए गए थे, लेकिन प्रयास सफल नहीं हुए। इसके बाद कुछ महीने पूर्व मथुरा से बंदर पकड़ने वालों को बुलाया गया वे भी कई दिनों तक पिंजरा, चारा डालकर बैठे रहे कुछ बंदरों को पकड़ा भी गया। लेकिन बंदरों की संख्या कम नहीं हुई। अब एक बार फिर इनकी धमाचौकड़ी बढ़ने लगी है। अब बंदर घरों में घुसकर खाद्य सामग्री भी खाने लगे हैं।
कंटगा एपीआर काॅलोनी में भी बंदरों का आंतक
इसी तरह कंटगा एपीआर काॅलोनी में भी बंदरों के आंतक से रहवासी परेशान है। बंदर कब किसी के कपड़े या जरूरी सामान उठा कर ले जाए कहा नहीं जा सकता। बंदरों के कारण रहवासी अपने बच्चों को बाहर खेलने भेजने से भी डरते हैं। घर यदि खुला छोड़ दिया तो सामान तहस-नहस भी कर देते हैं। काॅलोनी के रहवासियों ने बंदरों से मुक्ति दिलाने की मांग की है।
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