भोपाल: मध्य प्रदेश के शिक्षा विभाग ने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए बड़ा फैसला लिया है। स्कूली बच्चों को अब सप्ताह में एक दिन नो बैग, नो होमवर्क डे मिलेगा। यह पॉलिसी 2024-25 के आगामी शैक्षणिक सत्र से सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में लागू होगी। साथ ही, पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों को होम वर्क नहीं दिया जाएगा। इसमें स्कूली बच्चों के लिए कक्षा 1 से 12वीं तक वजन की सीमा भी की तय गई। इससे बच्चों के स्कूल बैग का बोझ कम होगा।
शिक्षा मंत्री, ‘बैग-लेस स्कूल’ पहल के पीछे के तर्क को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह पॉलिसी एक दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हैं जिसमें छात्रों को भारी बैग के बोझ से मुक्त होकर सीखने की खुशी का आनंद लेने का अवसर दिया जाता है। प्रत्येक सप्ताह एक दिन को ‘बैग-लेस’ के रूप में नामित करके, छात्रों को खेल और खेल से लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों और संगीत तक विविध प्रकार की गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा – जिससे समग्र और समृद्ध शैक्षिक अनुभव को बढ़ावा मिलेगा। इस पहल का उद्देश्य न केवल छात्रों पर शारीरिक तनाव को कम करना है, बल्कि उनके समग्र कल्याण और भावनात्मक लचीलेपन का पोषण करना भी है।
बैग का वजन किया तय
पहली- 1.6-2.2
दूसरी- 1.6-2.2
तीसरी- 1.7-2.5
चौथी- 1.7-2.5
पांचवी- 1.7-2.5
छठवीं 2.0-3.0
सातवीं- 2.0-3.0
आठवी 2.5-4.0
नौवी 2.5-4.5
दसवी 2.5-4.5
11वीं 12वीं के लिए नए नियम
इस पॉलिसी में 11वीं-12वीं में बस्ते का वजन स्कूल प्रबंधन समिति के ऊपर छोड़ दिया गया है। विभिन्न विषय स्ट्रीम के आधार ये तय किया जाएगा। नए सत्र से इस पॉलिसी को सख्ती से लागू कर दिया जाएगा। बता दें, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के मामले में मध्यप्रदेश पहला राज्य है। शिक्षा विभाग ने 2022 में आदेश जारी किए थे। लेकिन, इसका स्कूलों में पालन नहीं हो रहा था। अब नए सत्र से सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। नवीन दिशा-निर्देश लोक शिक्षण संचालनालय आयुक्त अनुभा श्रीवास्तव ने जारी कर दिए हैं। इसके तहत स्कूलों में बस्ते के वजन को कम कर दिया गया है।
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