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मुर्दों पर लगा नहर काटने का आरोप, दफ्तर पेश होने का सुनाया फरमान, जानें पूरा मामला

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UP: मेवाराम, छुटक्के, श्रीपाल, सोबरन व श्रीराम कुछ ऐसे नाम हैं जो सालों पहले इस दुनिया से जा चुके हैं, लेकिन नहर विभाग ने बिना सत्यापन किए ऐसे लोगों को नहर काटने के आरोप में तलब करते हुए उनके नाम की नोटिस जारी की है। नहर नहर विभाग ने जो किया, उसे ले कर लोगों में काफी नाराज़गी है। इस अनोखे कारनामें को सुन कर एक बारगी डीएम का भी माथा ठनक गया। यूपी के हरदोई में नहर विभाग का एक अजब-गजब कारनामा सामने आया है। दरअसल, शारदा नहर विभाग ने नहर काटने को लेकर सालों पहले मर चुके किसानों के नाम नोटिस भेज दिए। जब मामला सामने आया तो यह विभाग और इसकी कार्यशैली चर्चा का विषय बन गई।

बताया गया है कि पिहानी ब्लाक के पंडरवा किला के करीब दो ऐसे लोग हैं जिनकी कई सालों पहले मौत हो चुकी है। लेकिन नहर विभाग ने ऐसे लोगों को नहर काटने के आरोप लगाते हुए उन्हें अपने सामने तलब किया है। हरदोई के शारदा नहर विभाग के द्वारा नहर काटने को लेकर नोटिस जारी किए गए थे। जिसमें 10 से 12 नाम ऐसे भी हैं जो कई साल पहले मर चुके हैं। मगर नहर विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही के चलते यह अजब-गजब कारनामा कर दिखाया गया और मुर्दों के नाम नोटिस जारी कर दिया। दरअसल, हरदोई के गांव पंडरवा किला में नहर विभाग के द्वारा किसानों को नोटिस दी गई कि उनके द्वारा नहर का कटान कर खेतों की सिंचाई की गई है। मगर कुछ किसान तो तब अचंभित रह गए जब उन्होंने गांव के मृतक किसानों के नाम पर ही नोटिस जारी कर दिया गया।

पहले भी मिले थे नोटिस

किसान नेता राहुल मिश्रा बताते हैं कि नहर विभाग के द्वारा एक माह पहले भी कुछ ऐसे ही एक दर्जन किसानों को नोटिस दिया गया था। जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि किसानों के द्वारा नहर में जानवरों को पानी पिलाया गया था। जिसकी वजह से नहर को नुकसान हुआ है। वहीं अबकी बार नहर काटने का आरोप लगाते हुए विभाग ने मुर्दों को भी नोटिस भेज दिया है। ऐसे में उन मृतक किसानों के परिवार वाले चिंतित हैं कि अब नोटिस का जवाब किस तरह से दिया जाए क्योंकि जिनके नाम नोटिस है वह तो कई वर्ष पहले ही गुजर चुके हैं।

नाम के आधार पर दिए गए नोटिस

मुर्दों को नोटिस जारी करने के मामले में जब नहर विभाग के एक्सईएन अखिलेश गौतम से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिन किसानों की मृत्यु हो गई है और उनके खेतों के कागजातों जैसे खतौनी पर अभी भी उन्हीं का नाम दर्ज है तो ऐसी स्थिति में नोटिस उन्हीं के नाम जारी किया गया है। हांलांकि वह बताते हैं कि संबंधित कर्मचारी को निर्देशित किया गया है कि ऐसे किसानों जिनके मृतक होने के बावजूद नोटिस जारी हो गए हैं। उनके परिजनों से लिखित में उनके मृतक होने का प्रार्थना पत्र लेकर सुधार कराए जाएं।

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