बीजापुर। बस्तर में बीजापुर जिले के फरसेगढ़ व तर्रेम थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने अपहरण की दो अलग-अलग घटनाओं को अंजाम देते हुए, इनमें से एक ग्रामीण की मुखबिरी के शक में हत्या कर दी है। एसपी आंजनेय वार्ष्णेय ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि घटना की विवेचना कर रहे हैं। ग्रामीणों से पूछताछ कर जानकारी जुटाई जा रही है। फरसेगढ़ के पूर्व सरपंच व भाजपा नेता महेश गोटा को नक्सलियों ने अगवा किय़ा है। उसके बाद उसकी मासूम बेटी ने पिता को छोड़ने के लिए एक वीडियो संदेश जारी किया है। जिसमें वो अपने पिता को छोड़ने की अपील कर रही है।
अगवा करने सादे वेश में आए थे नक्सली
नक्सलियों ने फरसेगढ़ के पूर्व सरपंच व भाजपा नेता महेश गोटा का रविवार को अपहरण कर लिया है। ग्रामीणों ने बताया कि सादे कपड़ों में आए दो नक्सलियों ने चिकटराज की पहाड़ी से उसे अगवा किया है। आदिवासी परंपरा के अनुसार चिकटराज पहाड़ी में पूजा अनूष्ठान में सम्मिलित होने आसपास के कई गांव के लोग यहां पहुंचे थे। महेश भी गांव के उपसरपंच पाण्डु गोटा, शिक्षक राजाराम जव्वा, पूर्व उपसरपंच रमेश पोंदी, कार्तिक शाह व लोकेश कुमार बारसे के साथ पूजा में सम्मिलित होने गए थे। उनके साथ गए लोगों ने बताया कि महेश अकेले ही पहाड़ी के ऊपर गए थे, देर रात तक वापस नहीं लौटने पर सभी ग्रामीण गांव लौट आए थे। इधर अगवा किए जाने की बात का पता चलते ही महेश की पत्नी व गांव के लोग चिकटराज पहाड़ी की ओर महेश को ढूंढने गए हुए हैं। यहां बता दें कि महेश के पिता चिन्नाराम गोटा सलवा जुड़ूम आंदोलन के अग्रणी नेता थे, जिनकी हत्या नक्सलियों ने कर दी थी। गोटा परिवार नक्सलियों के निशाने पर रहा है।
पुलिस के अनुसार तर्रेम थाना क्षेत्र के चिन्नागेलुर में नक्सलियों ने 18 अगस्त को ग्रामीण रामा पूनेम को गांव से अगवा कर लिया था। चिन्नागुलेर स्थित सुरक्षा बल के कैंप से करीब चार किमी दूर जंगल में रविवार की रात उसकी हत्या कर दी गई है। नक्सलियों के डर से स्वजन या किसी भी ग्रामीण ने पुलिस में इसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है। सूचना के बाद गांव पहुंची पुलिस को ग्रामीणों ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया है। मृत ग्रामीण का शव भी पुलिस बरामद नहीं कर सकी है। यहां बता दें कि चिन्नागुलेर में कुछ दिन पहले ही सुरक्षा बल का कैंप स्थापित किया गया है। यह घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र है।
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