आम आदमी पार्टी के सदस्य को भी आज राज्यसभा से सस्पेंड कर दिया गया। अशोभनीय आचरण के आरोप में चड्ढा विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक राज्यसभा से निलंबित किया गया है।
बता दें कि इससे पहले राघव चड्ढा ने वीरवार को दिल्ली सेवा विधेयक से संबंधित एक प्रस्ताव में पांच सांसदों के जाली हस्ताक्षर करने का आरोप लगाए जाने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और कहा कि वह उनकी आवाज को ‘‘दबाने” की कोशिश कर रही है क्योंकि उन्होंने भाजपा के ‘‘दोहरे मानक” को ‘‘उजागर” कर दिया। चार सांसदों ने चड्ढा पर नियमों का उल्लंघन कर उनकी सहमति के बिना प्रवर समिति के गठन के लिए उनका नाम प्रस्तावित करने का आरोप लगाया है।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने उन सांसदों की शिकायतों का संदर्भ देते हुए मामले की जांच के लिए इसे विशेषाधिकार समिति को भेज दिया। चड्ढा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनके खिलाफ आरोप ‘‘निराधार” हैं। आप सांसद ने कहा कि एक सांसद किसी अन्य सदस्य के नाम को उनकी लिखित सहमति या हस्ताक्षर के बिना प्रवर समिति के लिए प्रस्तावित कर सकता है। चड्ढा ने कहा, ‘‘मैं भाजपा के उन सांसदों के खिलाफ विशेषाधिकार समिति और अदालत का दरवाजा खटखटाऊंगा जिन्होंने मेरे खिलाफ जालसाजी का झूठा आरोप लगाया है।”
आप सांसद ने संवाददाता सम्मेलन में नियम पुस्तिका दिखाते हुए कहा, ‘‘कोई भी सदस्य, सदस्य की लिखित सहमति या हस्ताक्षर के बिना किसी अन्य सदस्य का नाम प्रस्तावित कर सकता है।” नियमों के अनुसार, प्रवर समिति के लिए नाम प्रस्तावित करने के लिए न तो किसी सदस्य की सहमति की आवश्यकता होती है और न ही हस्ताक्षर की। चड्ढा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को ‘‘निराधार” बताते हुए दावा किया कि उनके बारे में जालसाजी करने की ‘‘अफवाह” फैलाई जा रही है।
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