Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

‘ये ब्रेस्ट हैं, संतरे नहीं…’, दिल्ली मेट्रो में लगा पोस्टर तो मच गया बवाल, DMRC ने लिया एक्शन

7

दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) कभी अक्सर सुर्खियों में रहती है. कभी यहां कपल्स अश्लील हरकतें करते, कभी लोग एक दूसरे से लड़ते झगड़ते दिखते हैं तो कभी कुछ लोग अतरंगी हरकतें करते हुए रील भी बनाते हैं. लेकिन इस बार कुछ ऐसा हुआ है जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. यहां मेट्रो में एक विज्ञापन लगा, जिससे इतना बवाल मचा कि DMRC को भी एक्शन लेना पड़ गया. यह विज्ञापन ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस का था.

यूवीकैन फाउंडेशन ने ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस को लेकर दिल्ली मेट्रो में AI जेनरेटेड एक विज्ञापन लगाया. लेकिन विज्ञापन (Breast Cancer Awareness Advertisement) को ज्यादा क्रिएटिव बनने के चक्कर में यह कुछ ऐसा बन गया कि लोगों को इस पर आपत्ति होने लगी. लोग इसे अश्लील बताने लगे. आलम ये है कि इस विज्ञापन को देखकर मेट्रो में ट्रैवल कर रही लड़कियों और महिलाओं को शर्म तक आ रही है. सोशल मीडिया पर भी इस विज्ञापन को लेकर भारी बवाल मचा हुआ है.

ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता माह को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाए गए इस अभियान की इसलिए आलोचना की गई क्योंकि इसमें ब्रेस्ट को संतरे के रूप में संदर्भित किया गया है. विज्ञापन में लिखा है- हर महीने अपने संतरे की जांच करें. विवादास्पद यूवीकैन फाउंडेशन पोस्टर में बस में संतरे पकड़े महिलाओं की एआई-जनरेटेड तस्वीरें हैं. आलोचकों का मानना ​​है कि शरीर के अंगों को दर्शाने के लिए फलों का उपयोग करना ब्रेस्ट कैंसर की गंभीरता को कम करता है और इससे प्रभावित लोगों की गरिमा का अनादर करता है.

DMRC को किया टैग

कई यूजर्स ने इस विज्ञापन की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर किया. कई महिलाओं ने लिखा- इन्हें ब्रेस्ट कहिए, न कि संतरे. कईयों ने DMRC हैंडल को टैग कर सवाल किया- ट्रेन में इस तरह के विज्ञापन को क्यों लगाने दिया गया है? इसे फौरन हटाने की मांग की गई है. एक रिपोर्ट की मानें तो डीएमआरसी ने लोगों की आपत्ति का संज्ञान लिया है. जल्द ही इन पोस्टर को हटा दिया जाएगा.

क्या बोलीं फाउंडेशन की ट्रस्टी

वहीं, टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, यूवीकैन फाउंडेशन (YouWeCan Foundation) की ट्रस्टी पूनम नंदा ने पोस्टर का यह कहते हुए बचाव किया कि उनकी संस्था ने 3 लाख महिलाओं को जागरूक किया और 1.5 लाख की स्क्रीनिंग की है. उन्होंने कहा- अगर संतरों के इस्तेमाल से लोग ब्रेस्ट के स्वास्थ्य की बात करते हैं और उससे एक भी जिंदगी बचती है तो यह सार्थक है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत में खुलकर ब्रेस्ट की बात करने में लोग असहज महसूस करते हैं.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.