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धार्मिक पर्यटन का मुख्य केंद्र बना उज्जैन, महाकाल लोक बनने के बाद तेजी से बढ़ी श्रद्धालुओं की संख्या

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उज्जैन। धर्मधानी उज्जैन राज्य में धार्मिक पर्यटन का मुख्य केंद्र बन चुकी है। यहां प्रतिदिन ही हजारों लोग बाबा महाकाल व अन्य देवी-देवताओं के दर्शन-पूजन के अलावा घूमने पहुंच रहे हैं। ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के नवविस्तारित क्षेत्र ‘श्री महाकाल महालोक’ बनने के बाद पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ी है।

महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की रिपोर्ट के अनुसार, चार वर्ष पूर्व तक प्रतिदिन लगभग 24-25 हजार श्रद्धालु महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन के लिए आते थे। वर्ष 2022 में महाकाल महालोक बनने के बाद यह संख्या बढ़कर अब प्रतिदिन एक लाख तक पहुंच गई है।

उज्जैन में कई बड़े मंदिर

भगवान महाकाल के साथ उज्जैन में कालभैरव, मंगलनाथ, चिंतामण, हरसिद्धि, गढ़कालिका, इस्कान जैसे बड़े मंदिर हैं। भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली के रूप में सांदीपनि आश्रम विश्व प्रसिद्ध है। इन प्रमुख देवस्थानों के अलावा शिप्रा तट रामघाट व कालियादेह पैलेस जैसे स्थल भी पर्यटकों का आकर्षित करते हैं। पर्यटन से जुड़े विशेषज्ञों के अनुमान के अनुसार, हर वर्ष पर्यटकों की संख्या और बढ़ती जाएगी।

इन योजनाओं से और निखरेगी तीर्थनगरी

  • सांदीपनि आश्रम को ज्ञान अर्जन का बड़ा केंद्र बनाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार यहां अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय खोलना चाहती है, जहां बच्चों को श्रीकृष्ण के समान 64 कला और 14 विद्या की शिक्षा दी जाएगी।
  • उज्जैन को औषधीय पर्यटन और शोध का सबसे बड़ा केंद्र बनाने के लिए पड़ोस में स्थित शासकीय धन्वंतरि आयुर्वेद महाविद्यालय परिसर में प्रदेश का सबसे बड़ा हर्बल गार्डन तैयार करने, उज्जैन को गो-पर्यटन का बड़ा तीर्थ बनाने के लिए कपिला गोशाला का विकास करने को भी कदम उठाया गया है।
  • श्री कृष्ण पथ गमन के लिए सरकार योजना तैयार कर रही है।
  • श्री महाकाल महालोक के दूसरे चरण के कार्य भी हो रहे हैं।
  • खगोल विज्ञान के प्रति युवाओं की दिलचस्पी बढ़ाने को तारा मंडल में थ्रीडी फोर प्रोजेक्शन सिस्टम लगाया गया है।
  • 80 करोड़ रुपये खर्च कर वीर भारत संग्रहालय की स्थापना की जा रही है।
  • उज्जैन में पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया जा रहा है। 285 करोड़ रुपये से यहां बन रहा प्रदेश का सबसे बड़ा यूनिटी माल, 2250 कमरों का भक्त निवास और उज्जैन-इंदौर सिक्सलेन सड़क मार्ग इसी का उदाहरण है।

लगातार बढ़ी महाकाल मंदिर की आय

उज्जैन में जितने श्रद्धालु बढ़े, उतनी ही महाकालेश्वर मंदिर की आय भी बढ़ी। वर्ष 2019-20 में मंदिर की सालाना आय 51 करोड़ रुपये थी, जो बढ़ते-बढ़ते वर्ष 2023-24 में 218 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।

ओंकारेश्वर में भी श्रद्धालुओं की संख्या में हुई वृद्धि

खंडवा : उज्जैन में श्री महाकाल लोक बनने के बाद खंडवा जिले में स्थित ओंकारेश्वर-ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन को भी आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी तीन गुना वृद्धि हो गई है। पहले 15 से 20 हजार श्रद्धालु प्रतिदिन यहां पहुंचते थे, जबकि पिछले एक-डेढ़ साल से यह आंकड़ा 40 हजार से 55 हजार तक पहुंच गया है। विशेष मौकों पर दर्शनार्थियों का आंकड़ा प्रतिदिन 70 हजार से 75 हजार पहुंच जाता है।

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