जबलपुर। हाई कोर्ट ने वयोवृद्ध सेवानिवृत्त प्रोफेसर के हक में राहतकारी आदेश पारित किया। न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि सेवानिवृत्त प्रोफेसर को 80 वर्ष में प्रवेश के साथ ही 20 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन का लाभ प्रदान करें।
जबलपुर में प्रोफेसर के पद पर पदस्थ रहे
याचिकाकर्ता जयनगर जबलपुर निवासी डा. लक्ष्मी चंद जैन की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता शासकीय इंजीनियरिंग कालेज, जबलपुर में प्रोफेसर के पद पर पदस्थ थे। 30 जून, 1998 को सेवानिवृत्त हुए थे। सरकार के नोटिफिकेशन के अनुसार 80 से 85 वर्ष के आयु के बीच सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 20 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन देने का प्रविधान है।
80 से 85 साल के बीच राशि प्रदान करने का उल्लेख
सरकार के द्वारा उन्हें 80 वर्ष पूर्ण करने के बाद 20 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन का लाभ प्रदान किया गया। याचिकाकर्ता अपने जीवन काल के अंतिम चरण में है। अतिरिक्त पेंशन के लाभ के लिए 80 वर्ष की गणना उस तारीख से करना चाहिए, जिस तारीख को वह 79 साल पूर्ण कर 80 वर्ष की आयु में प्रवेश करता है। सरकारी नोटिफिकेशन में 20 प्रतिशत की राशि 80 से 85 साल के बीच प्रदान करने का उल्लेख किया गया है।
पेंशन का लाभ प्रदान करने का आदेश पारित
याचिकाकर्ता 79 वर्ष पूर्ण करने के बाद 80 वर्ष में प्रवेश कर गया था। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता के तर्क तथा सरकारी नोटिफिकेशन को देखते हुए याचिकाकर्ता को 80 साल में प्रवेश के साथ 20 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन का लाभ प्रदान करने का आदेश पारित कर दिया। याचिका में प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग, वित्त अधिकारी ट्रेजरी विभाग व संबंधित बैंक को अनावेदक बनाया गया था।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.