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गाजा सीजफायर छोड़िए, जाते-जाते क्या दुनिया की ये सबसे ऐतिहासिक डील करा पाएंगे बाइडेन?

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दुनियाभर की निगाहें गाज़ा सीजफायर डील पर टिकी हैं, लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन युद्धविराम के प्रस्ताव के जरिए दुनिया की सबसे ऐतिहासिल डील करवाने में जुटे हैं. दरअसल अमेरिका की कोशिश है कि अरब देशों खासकर सऊदी अरब के साथ इजराइल के संबंध सामान्य हो जाएं, जिसके लिए बाइडेन प्रशासन पिछले साल से कोशिश में जुटा है.

हालांकि बीते दिनों इस्माइल हानिया की मौत के बाद बढ़े तनाव के बीच इजराइली प्रधानमंत्री ने सऊदी अरब के साथ होने वाली डील पर साइन करने से इनकार कर दिया था. इजराइली मीडिया ने दावा किया था कि नेतन्याहू अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों का इंतज़ार करना चाहते हैं.

बाइडेन के कार्यकाल में डील संभव?

राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल के अब महज़ 4 महीने बाकी हैं, यही वजह है कि बाइडेन प्रशासन जल्द से जल्द गाज़ा में सीज़फायर डील की कोशिशों में जुटा है. अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने उम्मीद जताई है कि अगर गाजा सीजफायर डील हो जाती है तो इजराइल और सऊदी अरब के रिश्ते सामान्य हो सकते हैं. वहीं सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस के ताज़ा बयान ने भी दोनों देशों के बीच संबंधों के जल्द सामान्य होने के संकेत दिए हैं.

इजराइल पर क्राउन प्रिंस का बड़ा बयान

क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने Fox News को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि इजराइल के साथ रिश्तों को सामान्य करने की दिशा में रोज़ आगे बढ़ रहे हैं. इजराइल के साथ डील को लेकर जारी प्रक्रिया को लेकर पहली बार सऊदी अरब ने सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया है. क्राउन प्रिंस ने कहा है कि हर गुजरते दिन के साथ हम समझौते की ओर बढ़ रहे हैं, ऐसा लगता है कि यह पहली बार वास्तविक और गंभीर नज़र आ रहा है. हम देखेंगे कि यह कैसे आगे बढ़ता है.

गाजा सीजफायर डील से सामान्य होंगे रिश्ते?

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बताया है कि कुछ ही दिनों में बाइडेन के फाइनल प्रस्ताव को हमास और इजराइल के सामने पेश किया जाएगा. उन्होंने कहा है कि गाज़ा सीजफायर डील को लेकर 90 फीसदी सहमति बन चुकी है, कुछ मुद्दों को लेकर अब भी विवाद है जिसमें गाज़ा पट्टी और मिस्त्र बॉर्डर पर मौजूद फिलाडेल्फी कॉरिडोर शामिल है. उम्मीद की जा रही है कि यह गाज़ा में युद्धविराम को लेकर अमेरिका की ओर से अंतिम प्रस्ताव होगा. दावा किया जा रहा है कि इसे ‘टेक इट ऑर लीव इट’ की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है. यानी या तो दोनों पक्ष इस समझौते को स्वीकार करें या फिर छोड़ दें.

ब्लिंकन ने बताया है कि आने वाले दिनों में अमेरिका इस प्रस्ताव को इजराइल के सामने पेश करेगा और कतर-मिस्त्र, हमास को इस प्रस्ताव की जानकारी देंगे. इसके बाद इजराइल और हमास को समय दिया जाएगा कि वह इस अंतिम प्रस्ताव पर अपना फैसला लें.

पत्रकारों ने जब ब्लिंकन से सऊदी और इजराइल के बीच सामान्य रिश्तों की संभावना पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि अगर हम गाज़ा में युद्धविराम लागू करने में कामयाब हो जाते हैं तो इसके लिए यकीनन मौका होगा.

इजराइल-सऊदी अरब डील होगी ऐतिहासिक

अमेरिका लगातार दुनियाभर में इजराइल को मान्यता दिलवाने में जुटा है, वह चाहता है कि अरब देशों के साथ उसके रिश्ते सामान्य हों जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा का मुद्दा हल किया जा सके. साल 2020 में ट्रंप सरकार ने UAE, बहरीन और इजराइल के बीच एक ऐतिहासिक डील करवाई जिसे ‘अब्राहम एकॉर्ड’ का नाम दिया गया. इस संधि के तहत इन देशों के बीच राजनयिक रिश्तों को बहाल कर लिया गया.

अमेरिका चाहता है कि ‘अब्राहम एकॉर्ड’ से एक कदम आगे बढ़कर सऊदी अरब और इजराइल के बीच भी संबंध सामान्य किए जाएं. दरअसल सऊदी अरब और इजराइल के बीच किसी तरह का राजनयिक संबंध नहीं हैं और आज़ाद फिलिस्तीन देश की मांग के चलते सऊदी ने इजराइल को मान्यता भी नहीं दी है. लिहाज़ा बाइडेन प्रशासन अगर दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य करने में कामयाब हो जाता है तो यह उनके लिए एक बहुत बड़ी कूटनीतिक जीत होगी.

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