केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के बाद इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) की सरकार बनी तो अयोध्या के राम मंदिर पर ‘बाबरी’ नाम का ताला लगा दिया जाएगा। शाह ने खीरी सीट से भाजपा उम्मीदवार अजय मिश्रा ‘टेनी’ के समर्थन में आयोजित एक चुनावी जनसभा को सम्बोधित करते हुए इंडिया गठबंधन के प्रमुख घटक दल समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राम गोपाल यादव के एक बयान का जिक्र किया और कहा, ”रामगोपाल यादव राम मंदिर को बेकार बताते हैं। मेरी बात याद रखना । जरा भी गलती की तो ये लोग राम मंदिर पर बाबरी नाम का ताला लगा देंगे।”
PM मोदी ने 5 साल में ही केस जीता
उन्होंने कांग्रेस पर राम मंदिर के मुद्दे को 70 साल से लटका कर धोखा देने का आरोप लगाते हुए दावा किया, ”(नरेन्द्र) मोदी जी को आपने दूसरी बार प्रधानमंत्री बनाया। उन्होंने पांच ही साल में केस भी जीता। भूमि पूजन भी किया और प्राण प्रतिष्ठा करके जय श्री राम कर दिया।” शाह ने कहा, ”प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण विपक्ष के सभी नेताओं को दिया गया लेकिन वह नहीं गए क्योंकि वह अपने वोट बैंक से डरते हैं। उनका वोट बैंक कौन है? मालूम है ना? जो राम के काज से डर जाए, उत्तर प्रदेश उसके साथ नहीं रह सकता।”
राहुल, अखिलेश कहते हैं कि हम CAA को हटा देंगे
शाह ने दावा किया, ”तीसरे चरण के चुनाव तक मोदी जी 190 सीटें पार कर रहे हैं। मोदी जी के नेतृत्व में चौथे चरण में भाजपा 400 सीटों की ओर मजबूती से बढ़ रही है। सपा, बसपा और कांग्रेस का सूपड़ा हो गया है।” शाह ने संशोधित नागरिकता कानून का जिक्र करते हुए कहा, ”मोदी जी अभी-अभी पाकिस्तान से भारत में आए हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन लोगों को नागरिकता देने का कानून लेकर आए। खीरी में भी ढेर सारे लोगों के पास नागरिकता नहीं है। इनको नागरिकता मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? राहुल बाबा (राहुल गांधी) कहता है, अखिलेश कहते हैं कि हम सीएए को हटा देंगे। अरे राहुल बाबा! आप तो क्या आपकी नानी भी ऊपर से वापस आ जाए, इस सीएए को नहीं हटा पाएगी।”
इनके पास ना नेता, ना नीति, और ना ही नियत
इंडिया गठबंधन पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा, ”आप मुझे बताओ अगर इंडी गठबंधन का बहुमत आता है तो उसका प्रधानमंत्री कौन बनेगा? क्या शरद पवार बन सकते हैं? ममता दीदी बन सकती है? क्या स्टालिन बन सकते हैं? क्या अखिलेश जी बन सकते हैं? और अंतिम नाम देता हूं… हंसना मत… राहुल गांधी बन सकते हैं क्या? अरे इनके पास तो प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी भी नहीं है। इनके पास ना नेता है, ना नीति है, ना नियत है।”
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