जबलपुर। नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में लंबे अरसे से खाली स्थाई अधिष्ठाता की कुर्सी मंगलवार को भर गई। डॉ नवनीत सक्सेना ने स्थाई अधिष्ठाता का पदभार संभाल लिया। हाल ही में लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा अपनाई गई स्थाई अधिष्ठाता की भर्ती प्रक्रिया में डॉक्टर सक्सेना का चयन हुआ था।
मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर गीता गुइन के पास अधिष्ठाता का प्रभार था
इस प्रक्रिया में चयनित चिकित्सा चिकित्सा शिक्षक मैं डॉक्टर सक्सेना महाकौशल कौशल अंचल के किसी मेडिकल कॉलेज की कमान संभालने वाले पहले अधिष्टा आता हैं। उनसे पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर गीता गुइन के पास अधिष्ठाता का प्रभार था। चयन प्रक्रिया में डॉक्टर गीत को ग्वालियर मेडिकल कॉलेज का डीन नियुक्त किया गया है।
पहले जो भी काम शेष रह गए थे वह सब शीघ्र पूरा करने के प्रयास करेंगे
पदभार ग्रहण करने के बाद डॉक्टर सक्सेना ने अनौपचारिक चर्चा में कहा कि उन्होंने प्रत्येक उत्तरदायित्व को पूर्ण निष्ठा के साथ निभाया है। हमेशा बेहतर करने का प्रयास किया है। पहले जो भी काम शेष रह गए थे वह सब शीघ्र पूरा करने के प्रयास करेंगे। मेडिकल कॉलेज संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है। इसलिए यहां पर सुविधाएं बेहतर होना चाहिए. कॉलेज की चिकित्सा कर्मचारी एवं अन्य सभी के साथ मिलकर मेडिकल अस्पताल को अत्याधुनिक बनाने का प्रयास करेंगे।
तीसरी बार बने अधिष्ठाता
डॉ सक्सेना नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में तीसरी बार अधिष्ठाता की कुर्सी पर आसीन हुए हैं। इससे पहले भी वह वर्ष 2017 और वर्ष 2022 में कॉलेज में अधिष्ठाता का प्रभार संभाल चुके हैं। अबकी बार उनकी नियुक्ति स्थाई अधिष्ठाता के रूप में हुई है।
नेत्र रोग विशेषज्ञ
डॉक्टर सक्सेना नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में नेत्र रोग विभाग के प्राध्यापक हैं। वे लंबे समय तक नेतृत्व विभाग के प्रमुख के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। मंगलवार को नई जिम्मेदारी संभालने से पूर्व सोमवार को डॉक्टर सक्सेना ने भोपाल में चिकित्सा शिक्षा विभाग में उपस्थित होकर स्थाई पदस्थापना से संबंधित कार्रवाई को पूर्ण किया।
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