Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

10KG मटन की शर्त, फिर अंतिम संस्कार… 2 दिन तक पड़ी रही महिला की लाश

7

ओडिशा में सामूहिक भोज न देने पर बुजुर्ग महिला का दो दिन तक अंतिम संस्कार नहीं हो सका. उसकी लाश 10 किलो मटन की वजह से घर में पड़ी रही. सामूहिक भोज न देने की वजह से ग्रामीणों ने महिला के अंतिम संस्कार में भाग लेने से मना कर दिया. मृतक महिला के बेटे ने जब मटन का इंतजाम किया तब कही जाकर अंतिम संस्कार हो सका. मानवता को शर्मसार करने वाली यह घटना मयूरभंज की है.

गांव में अंतिम संस्कार में सामूहिक भोज देने की प्रथा है. मृतका के बेटे की आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं थी इसलिए उसके पास भोज कराने की व्यवस्था नहीं हो सकी. गांव वालों ने अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए उसके सामने 10 किलो मटन की शर्त रख दी. मटन की व्यवस्था करने में उसे दो दिन का समय लगा. दो दिन बाद उसकी मां का अंतिम संस्कार हो सका. इस बीच दो दिन तक महिला की लाश उसके घर में पड़ी रही.

ग्रामीणों ने रखी 10 किलो मटन की मांग

पूरा मामला मयूरभंज के तेलाबिला का है. यहां रहने वाली 70 वर्षीय सोम्बारी सिंह का निधन हो गया. गांव में विवाह-मृत्यु जैसे महत्तवपूर्ण आयोजनों में सामूहिक भोज की दावत देने का रिवाज है. मृतक महिला के परिजनों पर आर्थिक रूप से दावत देने की व्यवस्था नहीं थी. ग्रामीणों ने भोज के रूप में 10 किलो मटन की मांग की थी जिसे वह देने में असमर्थ थे. इस बात को लेकर ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार में भाग लेने से इनकार कर दिया, जिससे अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में रुकावट आ गई.

ग्रामीण थे पहले से नाराज

इस मामले में गांव के ग्रामीणों का कहना है कि सोम्बारी के परिवार में पहले दो शादियां आयोजित हुई जिसमे इनके द्वारा किसी की दावत नहीं की गई. ग्रामीणों में इसको लेकर गुस्सा बना हुआ था. शनिवार को सोम्बारी का निधन हो गया. गांव में मृत्यु होने पर सामूहिक भोज देने की परंपरा है. उन्होंने बताया कि सोम्बरी के परिवार की ओर से पूर्व में कोई दावत नहीं दी गई थी इसलिए ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार पर सामूहिक भोज के लिए 10 किलो मटन की मांग रख दी.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.