इंडिया गठबंधन को लेकर जारी अटकलों के बीच उत्तर प्रदेश से विपक्षी खेमे के लिए एक बड़ी खबर आ रही है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है कि कांग्रेस के साथ 11 मज़बूत सीटों से उनकी पार्टी गठबंधन की शुरूआत कर रही है. उत्तर प्रदेश में कुल 80 लोकसभा की सीटें हैं और पिछले दो चुनावों से भारतीय जनता पार्टी यहां एकतरफा जीत रही है. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की कोशिश है कि और दूसरे विपक्षी दलों को साथ लाकर भारतीय जनता पार्टी को मात दी जाए.
अखिलेश ने कहा है कि ये सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा. अखिलेश ने दावा किया है कि इंडिया की टीम और पीडीए की रणनीति इतिहास बदल देगी. इस तरह ये तय हो गया है कि कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में 11 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. ध्यान रहे कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में तो अब सीट समझौता हुआ है. राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी के बीच लोकसभा चुनाव को लेकर पहले ही बातचीत पक्की हो चुकी है.
62 सीटों पर लड़ेगी सपा?
कांग्रेस यूपी में ज़्यादा सीटों की उम्मीद कर रही थी लेकिन सपा ने 11 सीटें देने की घोषणा कर दी है. इससे ऐसा लगता है कि टूटते इंडिया अलायंस का फायदा लेने के लिए अखिलेश ने ऐसा किया है. कयास हैं कि कांग्रेस पर दबाव की रणनीति का इस्तेमाल करते हुए अखिलेश यादव ने ये किया है. इससे पहले आरएलडी को 7 सीटें देने की घोषणा भी अखिलेश कर चुके हैं. इस तरह यये तय हो गया है कि 80 में से 62 सीटें सपा अपने पास रखेगी और बाकी के 18 सीटों पर उसके सहयोगी दल चुनाव लड़ेंगे.
कांग्रेस को क्या ये फॉर्मूला मंजूर?
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने कहा हैकि अभी तो सीट बंटवारे पर बातचीत ही चल रही है, वैसे भी सीट शेयरिंग की घोषणा कांग्रेस करेगी. जाहिर सी बात है कांग्रेस पार्टी को समाजवादी पार्टी के मुखिया की ये घोषणा रास नहीं आ रही. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बिना कांग्रेस की सहमति के ही अखिलेश ने 11 सीट देने का ऐलान कर दिया?
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