Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

तानसेन समारोह के दौरान देश-विदेश से आए पर्यटक घूम सकेंगे शहर की विरासत

8

ग्वालियर। विश्व विख्यात अखिल भारतीय तानसेन समारोह के दौरान देश-विदेश से आने वाले पर्यटक शहर की विरासत देख पाएंगे। इसके लिए डिस्ट्रिक्ट आर्केलाजी टूरिज्म कल्चरल काउंसिल ने टूरिस्ट आइटनरी तैयार की है। यह टूर पांच दिन का होगा, जिसमें अलग-अलग दिन अलग-अलग लोकेशन पर पर्यटकों को ले जाया जाएगा। इसे हेरिटेज वाक नाम दिया गया है। यह प्रस्ताव इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टूरिज्म एंड ट्रेवल मैनेजमेंट ने बनाया है, जिसे मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड को भेज दिया गया है। निश्शुल्क रहेगी हेरिटेज वाक तानसेन समारोह के दौरान होने वाली हेरिटेज वाक पूरी तरह निश्शुल्क होगी। पर्यटकों को अपने-अपने निजी वाहन से गंतव्य तक पहुंचना होगा। इसके बाद उन्हें वाक कर विरासत घुमाई जाएगी। यह वाक तानसेन समारोह की सभा शुरू होने के पहले पूरी हो जाएगी। इसकी टाइमिंग सुबह 7 से 9 बजे तक रखी गई है।

ये बनाया प्रस्ताव

पहले दिन: पर्यटकों को ग्वालियर किला घुमाया जाएगा। रिपोर्टिंग टाइम सुबह 7 बजे उरवाई गेट पर रहेगी। पर्यटकों को मानसिंह पैलेस, सास बहू मंदिर, तेली का मंदिर, सूरज कुंड व जैन गुफाएं दिखाई जाएंगी।

दूसरे दिन: पर्यटकों को मोहम्मद गौस का मकबरा ले जाया जाएगा, जहां तानसेन की समाधि स्थल, उनके आध्यात्मिक गुरु मोहम्मद गौस मकबरा, इमली का पेड़ दिखाया जाएगा एवं उनके बारे में बताया जाएगा।

तीसरे दिन: टूरिस्ट को रानी लक्ष्मीबाई समाधि स्थल ले जाएगा। वहां रानी के साहस और वीरता की कहानी सुनाई जाएगी। पर्यटक पिछले कई वर्षों से जल रही लौ देखेंगे।

चौथे दिन: पर्यटकों को मोतीमहल परिसर घुमाया जाएगा। यहां बने हाल के साथ ही इसकी विशेषता से परिचित कराया जाएगा।

पांचवें दिन: पर्यटकों को महाराज बाड़ा घुमाया जाएगा। यहां अलग-अलग पांच शैलियों में बनी इमारतों को दिखाया जाएगा, साथ ही इनकी विशेषता से परिचित कराया जाएगा।

शहर में चल रहे निर्माण कार्यों में शामिल होगी म्यूजिक थीम, मेले में सैलानी देखेंगे सिटी आफ म्यूजिक

विधानसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद में प्रशासनिक अधिकारियों ने यूनेस्को से मिले सिटी आफ म्यूजिक के खिताब के क्रम में इंवेंट्स, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि में संगीत को शामिल करने की प्लानिंग शुरू कर दी है। इसमें तय किया गया है कि शहर में वर्तमान में जो भी निर्माण कार्य चल रहे हैं, उनमें संगीत की थीम का इस्तेमाल अनिवार्य तौर पर किया जाए। यही कारण है कि गांधी रोड के सुंदरीकरण कार्य में अब संगीत की थीम को शामिल किया जाएगा। बुधवार को स्मार्ट सिटी सीइओ नीतू माथुर और सिटी प्लानर पवन सिंघल ने इस पर मंथन किया। कटारे फार्म पर प्रस्तावित शहर के सबसे बड़े थीम पार्क में भी म्यूजिक-1 थीम रखी जा रही है। इसके अलावा अब 25 दिसंबर से शुरू होने जा रहे व्यापार मेले में भी सैलानियों को सिटी आफ म्यूजिक से रूबरू कराया जाएगा। यूनेस्को ने गत एक नवंबर को ग्वालियर को सिटी आफ म्यूजिक का खिताब दिया है। ग्वालियर देश की तीसरी सिटी आफ म्यूजिक है। इससे पहले वाराणसी और चेन्नई को यह खिताब मिल चुका है। यह खिताब मिलने के बाद शहर में पर्यटन और संगीत को बढ़ावा देने वाली गतिविधियां अनिवार्य रूप से की जानी हैं। आयोजनों का वार्षिक कैलेंडर भी घोषित किया जाना है। जिस समय यूनेस्को ने यह घोषणा की थी, उस समय आचार संहिता लगी होने के कारण इन आयोजनों की रूपरेखा नहीं बन सकी। अब आचार संहिता हटने के बाद तेजी से तैयारियां शुरू की गई हैं। इसमें ड्राफ्ट प्लानिंग में निर्माण कार्यों में म्यूजिक थीम के साथ ही मेले में सिटी आफ म्यूजिक का ज्यादा से ज्यादा प्रचार करना शामिल है। चूंकि मेले में प्रतिदिन हजारों की संख्या में सैलानी पहुंचते हैं, ऐसे में यह प्रचार-प्रसार का एक बेहतर माध्यम साबित होगा। कलाकारों के साथ होगा मंथन इसके अलावा जल्द ही शहर में संगीत से जुड़े कलाकारों के साथ एक बार फिर से मंथन कर सुझाव मांगे जाएंगे कि शहर में होने वाले आयोजनों की रूपरेखा क्या रखी जाए। इसमें कलाकारों के समूहों को जोड़कर उनके सुझावों के आधार पर भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। वार्षिक कैलेंडर भी इन्हीं सुझावों के आधार पर तय किया जाएगा कि कार्यक्रमों को किस तरह से आयोजित किया जाए, जिसमें ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ सकें।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.