गिरिडीह: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन साढ़े चार किलोमीटर लम्बी टनल में बीते रविवार सुबह भू-धंसाव के कारण मलवे में 40 मजदूर फंस गए। वहीं, इनमें से झारखंड के 13 मजदूर भी शामिल हैं।
फंसे मजदूरों में गिरिडीह के बिरनी के सिमराढाब के बुधन महतो का इकलौता पुत्र 25 वर्षीय सुबोध वर्मा व केशोडीह विश्वजीत वर्मा भी है। बताया जा रहा है कि दोनों 2 महीने पहले एनएचआई डीसीएल कंपनी में काम करने गए थे। वहीं, दूसरी ओर टनल में फंसे सभी मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए युद्धस्तर पर राहत कार्य चल रहा है। सिल्क्यारा टनल में फंसे मजदूरों से वॉकी-टॉकी के जरिए संपर्क हुआ है। प्रशासन द्वारा सुरंग में फंसे लोगों तक ऑक्सीजन व खाना पहुंचाया जा रहा है।
गौरतलब है कि 12 नवंबर सुबह सभी मजदूर कार्य मे लगे हुए थे। इस दौरान सुरंग का एक हिस्सा बैठ गया। इससे सभी कार्यरत मजदूर व कर्मी फंस गए, जिसके बाद इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। एसआई के मुताबिक सभी लोग सकुशल हैं। उत्तरकाशी के जिला अधिकारी अभिषेक रुहेला ने बताया कि सिल्कियारा में निर्माणाधीन टनल के अंदर फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए राहत और बचाव अभियान तेजी से जारी है। फंसे हुए मजदूरों तक पानी के लिए बिछाए गए पाइप के जरिए ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। सुरंग से मलवा हटाने और फंसे मजदूरों को निकालने के लिए एस्केप पैसेज बनाने का काम भी युद्ध स्तर पर जारी है।
उन्होंने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालना प्रशासन की पहली प्राथमिकता है। इसके लिए राहत और बचाव कार्यों को युद्ध स्तर पर संचालित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रशासन के द्वारा विभिन्न राहत और बचाव एजेंसियों और तकनीकी संगठनों तथा एनएचआईडीसीएल का सहयोग लेकर के बचाव अभियान संचालित किया जा रहा है।
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