Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

SC ने नागरिकता कानून की धारा 6A की वैधता पर सुनवाई पांच दिसंबर तक स्थगित की, जानें क्या है मामला

7

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह असम में अवैध प्रवासियों से संबंधित नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए की संवैधानिक वैधता पर विचार करने के लिए पांच दिसंबर को सुनवाई करेगा। नागरिकता अधिनियम में धारा 6ए को असम समझौते के अंतर्गत आने वाले लोगों की नागरिकता के मामले से निपटने के लिए एक विशेष प्रावधान के रूप में जोड़ा गया था।

प्रावधान में क्या है?
इस प्रावधान में कहा गया है कि 1985 में संशोधित नागरिकता अधिनियम के अनुसार जो लोग एक जनवरी, 1966 को या उसके बाद, लेकिन 25 मार्च, 1971 से पहले बांग्लादेश सहित निर्दिष्ट क्षेत्रों से असम आए हैं और तब से असम के निवासी हैं, उन्हें नागरिकता के लिए धारा 18 के तहत स्वयं का पंजीकरण कराना होगा। इसके परिणामस्वरूप असम में रह रहे उन्हीं बांग्लादेशी प्रवासियों को नागरिकता दी जा सकती है जो 25 मार्च, 1971 से पहले भारत आए थे। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस मामले का जिक्र किया जिसके बाद प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने मामले को स्थगित कर दिया।

हमें कुछ समय चाहिए- तुषार मेहता
मेहता ने कहा, ‘‘मैं अपनी ओर से तथा भारत के अटॉर्नी जनरल की ओर से इस मामले का उल्लेख कर रहा हूं। नागरिकता संशोधन कानून पर कल सुनवाई होनी है। क्या मामले को कुछ समय के लिए स्थगित किया जा सकता है…यह दीपावली से पहले का अंतिम कार्य सप्ताह है और हम अभी एक संविधान पीठ के तहत काम करके आए हैं और इसलिए हमें कुछ समय चाहिए।” इसके बाद पीठ ने सभी वकीलों की उपलब्धता पर चर्चा की और मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। इस मामले पर मंगलवार को पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ सुनवाई करने वाली थी।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.