भारत में दिवाली के बाद देवउठनी एकादशी के बाद शादियों का सीजन शुरू हो जाता है। देश के अलग-अलग हिस्सों में शादियों की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। शादियों सीजन में इस बार व्यापारी बड़े व्यापार की उम्मीद लगाकर बैठे हैं। व्यापारी आगामी शादियों के सीजन में बड़ी बिक्री करने की तैयारियों में जुट गए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023 में देशभर में 35 लाख शादियां होने की संभावना जताई गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि देशभर में होने वाली 35 लाख शादियों में करीब 4।25 लाख करोड़ का कारोबार हो सकता है। जो कि अब तक का सबसे ज्यादा कारोबार होगा।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया ने बताया की कैट की रिसर्च शाखा कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी द्वारा हाल ही में देश के 20 प्रमुख शहरों के व्यापारियों एवं सर्विस प्रोवाइडर के बीच सर्व किया गया है। इस सर्वे के अनुसार अकेले दिल्ली में इस सीजन में 35 लाख से अधिक शादियां होने की उम्मीद है। इस सीजन में दिल्ली में लगभग 1 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होगा। पिछले साल इसी अवधि में करीब 32 लाख शादियां हुईं थी।
ये हैं शुभ मुहूर्त
कैट की आध्यात्मिक एवं वैदिक ज्ञान समिति के अध्यक्ष एवं प्रख्यात वैदिक विद्वान आचार्य दुर्गेश तारे ने बताया कि नक्षत्रों की गणना के अनुसार 23 नवंबर देवउठनी एकादशी के दिन से विवाह की तिथियां शुरू होंगी। नवंबर में 23, 24, 27, 28 और 29 नवंबर को शादी का मुहूर्त है। वहीं दिसंबर महीने में 3, 4, 7, 8, 9 और 15 तारीख विवाह के लिए शुभ हैं। उसके बाद एक महीने के तारा अस्त होता है। मध्य जनवरी से एक बार फिर शुभ दिन शुरू होंगे।
इस शादी सीजन में करीब 6 लाख शादियों में प्रति शादी 3 लाख रुपये का अनुमानित खर्च आएगा। 10 लाख शादियों में प्रति शादी करीब 6-12 लाख रुपये का खर्च आएगा। 6 लाख शादियों में प्रति शादी 25 लाख खर्च होंगे, 50 हजार शादियों में प्रति शादी 50 लाख खर्च होंगे और 50 हजार शादियां ऐसी होंगी जिनमें 1 करोड़ या उससे अधिक पैसे खर्च होंगे। इस एक महीने के शादी के सीजन में बाजारों में शादी की खरीदारी से करीब 4।25 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होगा। इसके बाद 15 जनवरी से एक बार फिर शादियों का सीजन शुरू होगा।
शादियों की तैयारी में जुटे व्यापारी
शादी के सीजन में कारोबार की अच्छी संभावनाओं को देखते हुए देशभर के व्यापारियों ने व्यापक तैयारियां की हैं। ग्राहकों की संभावित भीड़ को देखते हुए व्यापारी अपने यहां सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त रख रहे हैं।प्रत्येक विवाह का लगभग 20 प्रतिशत खर्च दूल्हा-दुल्हन पक्ष को जाता है, जबकि 80 प्रतिशत खर्च विवाह संपन्न कराने में काम करने वाली एजेंसियों को जाता है।
शादी के सीजन से पहले घरों की मरम्मत और घरों की रंगाई-पुताई का कारोबार होता है। इसके अलावा आभूषण, साड़ी, लहंगा, फर्नीचर, रेडीमेड कपड़े, जूते, शादी और ग्रीटिंग कार्ड आदि का कारोबार होता है। सूखे मेवे, मिठाइयां, फल, पूजा सामग्री, किराना, खाद्यान्न, सजावट का सामान, घर की सजावट का सामान, विद्युत उपयोगिता, इलेक्ट्रॉनिक्स और कई उपहार आइटम आदि की भी शादी के सीजन में मांग में तेजी आती है। इस साल इन सभी सेक्टर में अच्छी कमाई का अनुमान है।
दिल्ली समेत देशभर में शादी के लिए बैंक्वेट हॉल, होटल, खुले लॉन, सामुदायिक केंद्र, सार्वजनिक पार्क, फार्म हाउस और कई अन्य प्रकार के स्थान पूरी तरह तैयार हैं। प्रत्येक शादी में सामान की खरीद के अलावा, टेंट डेकोरेटर, फूलों की सजावट, क्रॉकरी, खानपान सेवा, यात्रा सेवा, कैब सेवा, पेशेवर समूहों का स्वागत, सब्जी विक्रेता, फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर, बैंड सहित कई प्रकार की सेवाएं भी शामिल होती हैं। बाजा, शहनाई, ऑर्केस्ट्रा, डीजे, जुलूस के लिए घोड़े, बग्घी, लाइट और कई अन्य प्रकार की सेवाओं से भी इस बार बड़ा कारोबार होने की संभावना है। इसके साथ ही इवेंट मैनेजमेंट भी एक बड़ी व्यावसायिक संभावना बनकर उभरा है।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.