इंदौर। नवरात्रि के नौ दिनों में भक्त देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं। साथ ही नवरात्रि में व्रत भी रखा जाता है। नारियल और सुपारी का उपयोग भी मुख्य रूप से नवरात्रि पूजा में किया जाता है। बता दें कि पूजा-पाठ में सुपारी और नारियल का बहुत महत्व होता है। नवरात्रि पूजा के दौरान कई चीजों का उपयोग किया जाता है। पूजा की सभी सामग्रियों का अलग-अलग महत्व होता है। वहीं, पूजा में इस्तेमाल की जाने वाली सुपारी को भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता है। पूजा में नारियल देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि दोनों चीजों का उपयोग नवरात्रि पूजा में किया जाए, तो पूजा बिना किसी बाधा के पूरी होती है।
नवरात्रि में सुपारी का महत्व
ऐसा माना जाता है कि पूजा समाप्त होने के बाद अगर कोई पूजा की सुपारी अपने पास रखता है, तो यह लाभकारी होता हैं। इस सुपारी को अपने पास रखने से कभी भी धन की कमी नहीं होती है। नवरात्रि पूजा में सुपारी पर जनेऊ लपेटकर प्रयोग करना चाहिए। इसके बाद इस सुपारी को धन के स्थान पर रखें। ऐसे करने पर घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
नवरात्रि में नारियल का महत्व
नवरात्रि पूजा में एकाक्षी नारियल का प्रयोग शुभ माना जाता है। यह नारियल एक छिद्र वाला होता है। इसे श्रीफल भी कहा जाता है। जिस घर में नारियल की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है उस घर में देवी लक्ष्मी का वास होता है। इसके अलावा नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के सामने एकाक्षी नारियल रखकर उसकी पूजा करने से जीवन में खुशहाली और सुख-समृद्धि आती है।
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