इंदौर। इंदौर जिला सहकारी दुग्ध संघ (सांची) पर दुग्ध किसानों के विरोध की नीतियां बनाने का आरोप लग रहा है। प्रदेश सरकार को भी संयुक्त किसान मोर्चा ने कटघरे में खड़ा किया है। किसानों के लिए दूध खरीदी के दाम घटाने से किसान मोर्चा विरोध करते हुए आरोप लगा रहा है कि प्रदेश सरकार लगातार किसान हितैषी होने के दावे कर रही है, लेकिन काम उसके विपरीत हो रहे हैं।
दूध खरीदी के भाव 30 पैसे प्रति फैट कम कर दिए
इंदौर दुग्ध संघ ने किसानों से दूध के खरीदी भाव 30 पैसे प्रति फैट कम कर दिए हैं। इससे संघ को दूध आपूर्ति करने वाले किसानों को दो रुपये प्रति लीटर दाम कम दिए जाएंगे। जबकि उपभोक्ता के लिए दुग्ध संघ ने सांची दूध के भाव नहीं घटाए हैं। यानी साफ है कि प्रदेश में ना किसानों को उपज का पूरा दाम मिल रहा है ना ही दूध जैसी वस्तुओं का। जबकि सहकारी संस्था महंगा दूध बेचकर मुनाफा बटोरने में जुटी है।
पशुओं को खिलाने की चीजें महंगी
संयुक्त किसान मोर्चा के रामस्वरूप मंत्री और बबलू जाधव ने बताया कि पशुपालकों के लिए लगने वाला कोई भी सामान सस्ता नहीं हुआ है। फिर दूध के भाव घटाए जाने का क्या औचित्य है। यह निश्चित रूप से किसान विरोधी काम है। उन्होंने कहा कि पशुओं को खिलाने वाली सारी चीज महंगी हैं, जैसे खली 2500 रुपये, गेहूं का भूसा 800 क्विंटल, उड़द चना चुरी 1750 रुपये, वहीं फसलों के दाम भी नहीं मिल रहे हैं
दुग्ध संघ द्वारा दूध के खरीदी भाव घटाए जाने से किसानों में आक्रोश है। संयुक्त किसान मोर्चा ने मांग की है कि इंदौर दुग्ध संघ दूध के भाव घटाए जाने का आदेश तत्काल वापस ले, अन्यथा किसान आंदोलन को बाध्य होंगे।
शहर में सस्ता
इस बीच शहर में दूध विक्रेताओं ने दूध के दामों में दो रुपये प्रति लीटर की कमी करने की घोषणा की है। इससे एक ओर खुला दूध खरीदने वाले उपभोक्ताओं के लिए दूध सस्ता होने की उम्मीद जागी है। हालांकि सरकार की संस्था सांची से दूध खरीदने वाले उपभोक्ताओं को अब भी महंगा दूध मिलेगा।
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