उमरिया। पिछले तीन महीने तक बंद रहने के बाद अब एक अक्टूबर से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के गेट पर्यटकों के लिए खुल जाएंगे। एक अक्टूबर से लेकर 7 अक्टूबर तक के लिए बांधवगढ़ के सभी गेटों की जिप्सियां लगभग बुक हो चुकी है। इतना ही नहीं पर्यटन के इस सत्र में अगले 15 दिनों तक के लिए भी लगातार बुकिंग की जा रही है। जिस तेजी से बुकिंग हो रही है उसे देखते हुए लगता है कि बुकिंग के लिए मारामारी तेज हो गई है।
एक अक्टूबर से शुरू होने के बाद यह पर्यटन सत्र 30 जून तक जारी रहेगा। इस दौरान बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के तीनों गेट ताला, मगधी और खितौली में पर्यटन कराया जाएगा। बफर जोन में पूरे 12 महीने पर्यटन जारी रहता है
रोजाना 147 जिप्सियों से सफारी का लुफ्त
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में कुल 147 जिप्सियों को प्रतिदिन तीन गेट से प्रवेश दिया जाता है। इसमें से 75 जिप्सियों को सुबह और 73 जिप्सियों को शाम को प्रवेश दिया जाता है। ताला गेट में सुबह 28, शाम को 27, मगधी गेट में सुबह 27 शाम को 26 और खितौली गेट में सुबह 21 शाम को 22 जिप्सियों को प्रवेश दिया जाता है। बांधवगढ़ में कुल 259 जिप्सियां रजिस्टर्ड हैं, जिन्हें रोस्टर प्रणाली से पार्क के अंदर भेजा जाता है। हालांकि इनमें से 12 जिप्सियों पर अलग-अलग कारणों से प्रतिबंध लगा हुआ है, जिन्हें अब पार्क में प्रवेश नहीं दिया जाता है।
प्रबंधन रहेगा मौजूद
सुबह पर्यटकों का स्वागत करने के लिए पार्क प्रबंधन की तरफ से फील्ड डायरेक्टर, डिप्टी फील्ड डायरेक्टर खुद मौजूद रहेंगे। ओपनिंग के पहले दिन दोनों टाइम पार्क पूरी तरह से फुल है। बांधवगढ़ में पर्यटकों का वेलकम करने की पूरी तैयारी कर ली गई है। मध्यप्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व एक अक्टूबर सोमवार से खुल जाएंगे। पहले दिन पार्क पहुंचने के लिए पर्यटकों में खासा उत्साह है और यही कारण है कि पर्यटकों ने सभी टाइगर रिजर्व में बुकिंग करा रखी है।
चलेंगी पुरानी जिप्सियां
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पर्यटकों को सफारी कराने के लिए लगी जिप्सियों की एक्सपायरी डेट बढ़ा दी गई है। पहले इन जिप्सियों को महज 10 साल तक ही पार्क के अंदर ले जाने की अनुमति होती थी लेकिन इस साल से इसकी अवधि 15 साल कर दी गई है। यानी जो जिप्सियां दस साल पुरानी हो चुकी हैं वे अभी पांच साल और पार्क के अंदर पर्यटकों को ले जा सकेंगी। यह निर्णय हाल ही में हुआ है जिसका फायदा प्रदेश भर के जिप्सी संचालकों को मिलेगा। इसके लिए जिप्सी संचालक लंबे समय से मांग कर रहे थे।
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