सिग्नल खराब होने के कारण वाहन सीधे निकल जाते थे। इस कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही थीं। सिग्नल सुधार के बाद माना जा रहा था कि अब व्यवस्था में सुधार हो जाएगा, पर ऐसा नहीं हो पा रहा है। कारण सिग्नल सिस्टम का पालन न होना है। रेड सिग्नल होने पर भी बस चालक रोड क्रास कर देते हैं। इसका अनुसरण बाकी वाहन चालक भी करते हैं। नतीजा संत हिरदारामजी की कुटिया से सीहोर नाके तक का क्षेत्र धीरे-धीरे एक्सीडेंट जोन बनता जा रहा है। मार्ग निर्माण के कुछ समय बाद नगर निगम ने यहां ट्रैफिक सिग्नल लगाए, लेकिन पहले दिन से इसका पालन नहीं हुआ। सिग्नल खराब होने का बहाना भी था, पर अब सुधार के बाद भी पालन नहीं हो रहा है।
सड़क पर मंच बनने से भी परेशानी
गणेशोत्सव एवं दुर्गोत्सव के दौरान अनेक संस्थाएं चंचल रोड पर मंच लगाकर जुलूस का स्वागत करने लगी हैं, इससे व्यवस्था बिगड़ रही है। जिला प्रशासन सड़क पर मंच लगाने की अनुमति कैसे दे रहा है, यह जांच का विषय है। रात के समय गुजरते वाहन चालकों को इससे बेहद परेशान होना पड़ रहा है। नगर के प्रबुद्धजनों का कहना है कि स्वागत के लिए केवल सीहोर नाके के पास खाली जगह पर ही मंच बनने चाहिए। पंचायत पदाधिकारी हरीश मेहरचंदानी का कहना है कि नागरिकों की सुविधा का ध्यान संस्थाओं को भी रखना चाहिए। आवाजाही प्रभावित न हो, इसका ध्यान रखा जाना चाहिए।
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