जानकारों का मानना है कि प्राचीन काल से ही उज्जैन मंदिरों की नगरी रही है। परमार काल के दौरान यहां अनेक दिव्य और भव्य मंदिरों का निर्माण हुआ। कालांतार में आक्रांताओं के आक्रमण व प्राकृतिक परिवर्तन के चलते कई मंदिर ध्वस्त हो गए। समय-समय पर भूमि से इसके अवशेष प्राप्त होते रहते हैं। कुछ समय पहले महाकाल मंदिर परिसर से एक हजार साल पुराने शिव मंदिर के अवशेष प्राप्त हुए। पुरातत्व विभाग अब उसी स्थान पर मंदिर का निर्माण कराने जा रहा है। सोमवार को इंदौर रोड स्थित कालोनी में मकान बनाने के लिए की जा रही खोदाई में पुरा अवशेष निकले।
जानकारों को प्राचीन मंदिर होने पर संशय
कुछ जानकारों का यह भी कहना है कि उज्जैन में मंदिरों का सृजन हुआ है, लेकिन, जिस स्थान पर पुरा अवशेष निकले हैं, उस क्षेत्र में प्राचीन मंदिर होने में संशय है। अधिक संभावना इस बात की है कि पूर्व में कहीं से मलबा लाकर यहां डाला गया हो, उसी में यह अवशेष मौजूद रहे होंगे। संभावनाओं से इतर मंगलवार कों पुरातत्व विभाग की टीम मौके पर पहुंचेगी। इसके बाद ही पुख्ता तौर पर स्थिति स्पष्ट होगी।
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