उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में रविवार से नागपंचमी महापर्व की शुरुआत होगी। रात 12 बजे भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खोले जाएंगे। पूजा-अर्चना के बाद आम दर्शन का सिलसिला शुरू होगा, जो निरंतर 24 घंटे 21 अगस्त की रात 12 बजे तक चलेगा। इधर महाकालेश्वर मंदिर के पट रात 2.30 बजे खुलेंगे। पश्चात भस्म आरती होगी। सोमवार को नागपंचमी के साथ श्रावण मास में भगवान महाकाल की सातवीं सवारी भी निकलेगी। मंदिर प्रशासन ने नागचंद्रेश्वर व महाकालेश्वर के दर्शन के लिए अलग-अलग व्यवस्था तय की है। भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को नृसिंह घाट के समीप स्थित भील धर्मशाला से दर्शन की कतार में लगना होगा। यहां से दर्शनार्थी गंगा गार्डन, हरसिद्धि चौराहा, बड़े गणेश मंदिर के सामने से मंदिर के चार व पांच नंबर गेट से विश्राम धाम में प्रवेश करेंगे। यहां से एरोब्रिज के रास्ते नागचंद्रेश्वर मंदिर में पहुंचेंगे। इसी प्रकार महाकाल दर्शन करने वाले दर्शनार्थियों को त्रिवेणी संग्रहालय से श्री महाकाल महालोक के रास्ते मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। दोनों मंदिरों में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को अलग-अलग कतार में लगना होगा। मंदिर समिति व जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के पर्याप्त इंतजाम किए हैं। महापर्व पर पांच से सात लाख भक्तों के उज्जैन पहुंचने का अनुमान है।—————नागचंद्रेश्वर की त्रिकाल पूजा होगीनागपंचमी पर अनादिकालीन परंपरा अनुसार भगवान नागचंद्रेश्वर की त्रिकाल पूजा होगी। पहली पूजा रविवार रात 12 बजे पट खुलने के बाद महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीतगिरी जी महाराज के सान्निध्य में होगी। दूसरी पूजा सोमवार दोपहर 12 बजे शासन की ओर से अधिकारियों द्वारा की जाएगी। तीसरी पूजा सोमवार शाम भगवान महाकाल की संध्या आरती के बाद भगवान महाकाल के पुजारी करेंगे।
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