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कौन होगा रतन टाटा के 7900 करोड़ का मालिक? वसीयत में सामने आए ये 4 नाम

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बीते दिनों भारत के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का निधन मुंबई के अस्पताल में हो गया था. उसके बाद से उनकी वसीयत का मालिक कौन होगा? इसपर लगातार चर्चा चल रही थी. अब इसका भी डिटेल सामने आ गया है. अगस्त 2023 में जारी हुरुन इंडिया रिच लिस्ट के अनुसार, रतन टाटा के पास टाटा संस में 0.83% हिस्सेदारी थी. जिसकी वजह से उनकी कुल संपत्ति लगभग 7,900 करोड़ रुपए आंकी गई थी. वहीं अगर टाटा की बाकी संपत्तियों को मिलाकर देखा जाए तो इस समय उनकी टोटल संपत्ति 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक है.

वसीयत में है इन चार लोगों का नाम

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, रतन टाटा ने अपने पीछे एक डिटेल वसीयत छोड़ी थी, जिसका अमल उनके नजदीकी लोग करेंगे. वसीयत में उनकी सौतेली बहनें शिरीन और डायना जेजीभॉय, वकील दारायस खंबाटा और उनके घनिष्ठ मित्र मेहली मिस्त्री का नाम शामिल है. हालांकि वसीयत की पूरी डिटेल सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन यह स्पष्ट है कि टाटा की संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा चैरिटी के लिए समर्पित किया जाएगा. यह रतन टाटा के जीवन के उस परोपकारी दृष्टिकोण का प्रमाण है, जिसके लिए वे हमेशा से जाने जाते थे.

कौन हैं मेहली मिस्त्री?

मेहली मिस्त्री जो रतन टाटा के नजदीकी मित्र थे, उन्होंने टाटा ट्रस्ट के साथ भी लंबे समय तक काम किया है. टाटा ट्रस्ट, जो टाटा संस का 52% हिस्सा रखते हैं, कंपनी के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इन ट्रस्टों का काम सामाजिक और परोपकारी गतिविधियों में निवेश करना है, जो रतन टाटा के विचारधारा का प्रतीक है.

क्या कहते हैं उनके वकील?

वकील दारायस खंबाटा ने स्पष्ट किया कि उन्होंने न तो वसीयत का ड्राफ्ट तैयार किया था और न ही इसके बारे में कोई सलाह दी थी. उनके अनुसार, उन्होंने रतन टाटा की वसीयत को पहली बार उनके निधन के बाद देखा. आखिरकार, वसीयत के एग्जीक्यूटर की यह जिम्मेदारी है कि वे रतन टाटा की अंतिम इच्छाओं का पालन सुनिश्चित करें. टाटा की वसीयत यह साबित करती है कि वे संपत्ति से अधिक परोपकार को महत्व देते थे, और उनका जीवन हमेशा समाज के लिए योगदान करने पर केंद्रित रहा.

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