Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

मैरिड लाइफ को खुशहाल बनाने के लिए करें शिव-पार्वती की पूजा, दूर होंगे सारे कष्ट!

13

 हिन्दू धर्म में हर महीने शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत रखा जाता है. ये व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है. इस व्रत को करने से मैरिड लाइफ की परेशानियां दूर करने और उसे सुखमय बनाने के उद्देश्य से रखा जाता है. क्योंकि ये व्रत मैरिड लाइफ की खुशहाली के लिए बहुत ही उत्तम माना गया है. इस ज्येष्ठ महीने में प्रदोष व्रत 4 जून दिन मंगलवार को पड़ रहा है. इस दिन प्रदोष काल के शुभ मुहूर्त में भगवान शिव और पार्वती का पूजन करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है.

प्रदोष व्रत का महत्व सप्ताह के अलग दिनों के हिसाब से अलग-अलग होता है. 4 जून को मंगलवार पड़ने की वजह से भौम प्रदोष का संयोग बन रहा है. भौम प्रदोष व्रत और पूजा से आयु में वृद्धि तथा अच्छा स्वास्थ्य लाभ देने वाला होता है. इस व्रत से दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है और जीवन के तमाम संकट दूर हो जाते हैं. परिवार में सुख संपन्नता बनी रहती है.

पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 4 जून 2024 को प्रात: 12 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी. इसकी समाप्ति 4 जून 2024 को रात 10 बजकर 01 मिनट पर होगी और पूजा के लिए शुभ मुहूर्त रात 07.16 – रात 09.18 बजे तक रहेगा.

प्रदोष व्रत पूजा विधि

  • प्रदोष व्रत के दिन सूर्योदय से पूर्व उठ जाएं और स्नानादि से निवृत्त होने के बाद भगवान के समक्ष व्रत का संकल्प लें.
  • इसके बाद बगैर आहार लिए पूरे दिन का उपवास करें और शाम को सूर्यास्त से पहले स्नान करके सफेद वस्त्र पहनें.
  • फिर पूजा स्थल को गंगाजल और गाय के गोबर से लीपकर मंडप तैयार करें. इस मंडप पर पांच रंगों से रंगोली बनानी चाहिए.
  • पूजा की तैयारी करने के बाद उत्तर पूर्व दिशा की ओर मुख कर भगवान शिव की उपासना कुश के आसन पर बैठकर करें.
  • पंचाक्षर मंत्र ऊॅं नमः शिवाय का जाप करते हुए शिव जी का जलाभिषेक करें.
  • उन्हें सफेद फूलों की माला, धतूरा, चंदन, धूप और दीप आदि अर्पित करें.
  • अंत में व्रत कथा पढ़ें, प्रसाद लगाएं और आरती गाएं. इसके बाद गरीबों में दान अवश्य करें.

सूर्य देव की आराधना से मिलेगी तरक्की

प्रदोष व्रत के दिन सुबह के समय यदि सूर्य स्तोत्र का पाठ करके उन्हें अर्ध्य दिया जाए तो परिवार के सदस्यों की लाइफ में तरक्की मिलती है. सभी लोग निरोगी होते हैं और घर में धन धान्य की कमी नहीं रहती है. घर के सभी सदस्यों पर भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा बनी रहती है.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.