Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

कोई गंभीरता नहीं, पूरी तरह नाकाम…दिल्ली-NCR में प्रदूषण पर हरियाणा और पंजाब सरकार को SC की फटकार

7

दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा और पराली जलाए जाने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में आज (बुधवार) सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा को फटकार लगाई है. सर्वोच्च अदालत ने कहा कि पराली जलाने को लेकर आप सिर्फ कारण बताओ नोटिस कर रहे हैं. यह आपका रवैया है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून के तहत कार्रवाई करने में दोनों सरकारें पूरी तरह से नाकाम साबित हुई हैं. पराली जलाने के खिलाफ कदम उठाने को लेकर कोई गंभीरता नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत में गलत बयानी की जा रही है. हम अवमानना नोटिस जारी करेंगे, अन्यथा हमें हकीकत बताएं.

‘शुद्ध हवा हरेक नागरिक का मूल अधिकार’

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 21 जीवन के अधिकार के तहत शुद्ध हवा हरेक नागरिक का मूल अधिकार है. ऐसे में सरकारों का नाकाम रहना सीधे तौर पर नागरिकों को प्रदत्त मूल अधिकार का उल्लंघन है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि राज्यों की ओर से जो प्रस्ताव दिया गया है उसपर दो सप्ताह में निर्णय लें, मुआवजे की राशि बढ़ाने को लेकर नियमों में बदलाव करें.

कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार अदालत के सभी पिछले निर्देशों पर गौर करके अनुपालन रिपोर्ट दो सप्ताह में दाखिल करे. दिल्ली में 13 स्थानों पर खुलेआम कूड़ा जलाने के मुद्दे पर एमाइकस ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया. साथ ही वाहनों से होने वाले प्रदूषण के मद्देनजर ट्रकों के प्रवेश और औद्योगिक प्रदूषण के बारे में भी जानकारी एमाइकस ने दी. मामले की अगली सुनवाई अब 4 नवंबर को होगी.

‘हम सख्त आदेश जारी करेंगे’

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम यह स्पष्ट कर देते हैं कि स्थितियों में सुधार नहीं आया और यह जारी रहा तो हम सख्त आदेश जारी करेंगे. कोर्ट ने कहा कि हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि राज्यों और आयोग के बीच समन्वय भी महत्वपूर्ण है. जहां तक ​​1986 अधिनियम की धारा 15 के तहत पर्यावरण मुआवजे का सवाल है, हमें केंद्र द्वारा सूचित किया गया है कि मुआवजे को पर्यावरण, वन और जलवायु मंत्रालय द्वारा बनाए गए नियमों के आधार पर बराबर किया जा रहा है. हम केंद्र सरकार को निर्धारित जुर्माना राशि पर पुनर्विचार करने का निर्देश देते हैं.

हरियाणा सरकार ने 24 अधिकारियों को किया निलंबित

वहीं, हरियाणा सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने अपने-अपने क्षेत्रों में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाने में कथित विफलता को लेकर 24 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. इस संबंध में 20 अक्टूबर को आदेश जारी किया गया था. आदेश में उल्लेख किया गया है कि अधिकारियों को प्रशासनिक आधार पर निलंबित किया गया है.

उच्चतम न्यायालय ने पराली जलाने के दोषी लोगों पर मुकदमा न चलाने को लेकर पंजाब और हरियाणा सरकारों की खिंचाई की थी, जबकि राज्य के मुख्य सचिवों को स्पष्टीकरण के लिए 23 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा था.

राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का एक बड़ा कारक पराली का जलाया जाना है. उधर, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के परिवहन मंत्रियों को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि जीआरएपी के दूसरे चरण के प्रतिबंधों के मद्देनजर उनके राज्यों से कोई भी डीजल बस राष्ट्रीय राजधानी में न आए.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.