भविष्य मालिका उड़िया भाषा में लिखी एक प्राचीन पुस्तक है. इसमें भविष्य में होने वाली घटनाओं, प्राकृतिक आपदाओं, युद्धों और सामाजिक परिवर्तनों सहित विभिन्न विषयों पर भविष्यवाणियां की गई हैं. पुस्तक 16वीं शताब्दी के संत अच्युतानंद दास द्वारा लिखी गई थी. इस पुस्तक में की गई भविष्यवाणियों को पहेलियों में लिखा गया है, जिनका डिकोड करना माफी मुश्किल है और इसीलिए इसमें लिखी गई बातों के कभी-कभी कई अर्थ निकाल लिए जाते हैं.
शुरू होगा तीसरा विश्व युद्ध
भविष्य मालिका किताब के अनुसार, 2024 के बाद से कभी भी तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो जाएगा, जो अगले 6 साल और 6 महीने तक चलेगा. इस दौरान हमारा पड़ोसी देश चाइना 13 मुस्लिम देशों के साथ मिलकर हमारे भारत पर हमला करेगा, लेकिन इसके बावजूद इस युद्ध में भारत की जीत होगी. इसके अलावा इस युद्ध के दौरान धरती के जीवों का मरने का सिलसिला शुरू हो जाएगा. जिससे नई-नई महामारियां फैलेंगी और इसका इलाज किसी डॉक्टर के पास नहीं होगा. इस कितान को डिकोड करने वालों ने भारत के बाहर की भी भविष्यवाणियां की है, जिनके मुताबिक आने वाले समय में मक्का-मदीना (इस्लाम की सबसे पवित्र जगह) में ऐसा भयंकर युद्ध होगा कि इससे पूरा मिडिल ईस्ट नष्ट हो जाएगा.
किताब को डिकोड करने वालों ने बताया कि साल 2024 के बाद से सूर्य से सोलर फ्लेयर निकलेंगे जो इतने पावरफुल होंगे कि इससे सैटेलाइट, रेडियो और इंटरनेट काम करना बंद कर देंगे, जिससे पूरी दुनिया में ब्लेक आउट हो जाएगा यानी दुनिया में कहीं पर भी बिजली नहीं होगी. अभी मई 2024 में एक ऐसा ही सोलर फ्लेयर धरती से टकराया था, जिससे ऑस्ट्रेलिया, चाइना और जापान में सारे रेडियो स्टेशन बंद हो गए थे.
दो-तीन महीनों पहले एक ऐसा ही सोलर फ्लेयर अमेरिका और कनाडा पर आया था, जिसमें भी वहां पर रेडियो स्टेशन बंद हो गए थे. मतलब यह भविष्यवाणियां कुछ ऐसी थी कि सूर्य परोपकार करना छोड़ देगा और दुनिया भर में गर्मी बढ जाएगी. मौजूदा समय में क्लाइमेट चेंज और यह भविष्यवाणी काफी मिलती जुलती है, लेकिन इसे मानना या ना मानना यह आप पर निर्भर करता है.
प्रकृति ऐसे बरपाएगी कहर
भविष्य मालिका के अनुसार, किसान बारिश से निराश हो जाएंगे और खेती का काम करना छोड़ने लगेंगे. प्राकृतिक आपदाओं के कारण जंगली जानवर शहरों और गांव पर हमला करना शुरू कर देंगे. साइक्लोन यानी तूफानों की हवाएं जहां-जहां जाएंगी, वहां वहां बर्बादी फैलाएगी और लोग तेज हवाओं की आवाज से ही डर जाएंगे.
आज के समय में देखा जाए तो किसान खेती छोड़ने के लिए मजबूरी है, क्योंकि किसानों को उतना मुनाफा मिलता नहीं है, जितनी वह मेहनत करते हैं. प्राकृतिक आपदाएं तो आज एक आम बात बन गई है, जंगलों में आग लगना, कई देशों में सूखा पड़ा है और कई देशों में बाढ़ जैसी घटनाएं हम देख रहे हैं.
दुनिया में बचेंगे सिर्फ 70 करोड़ लोग
इसमें एक भविष्यवाणी ऐसी है, जिस पर डिकोड करने वाले बहुत से लोग सहमत है. वह भविष्यवाणी यह है कि साल 2020 के बाद तीन बड़े-बड़े भूकंप आएंगे और यह भूकंप इतने बड़े होंगे कि इसमें जहां पर पहले पहाड़ थे, वह जमीन बन जाएगी. जहां पर जमीन थी, वह नदियां बन जाएगी और जहां पर पहले नदियां थी, वह पहाड़ बन जाएंगे. इसी भूकंप से हमारी धरती का स्वरूप बदल जाएगा, जिससे पूरी दुनिया तहस-नहस हो जाएगी.
आज के समय में देखा जाए तो किसान खेती छोड़ने के लिए मजबूरी है, क्योंकि किसानों को उतना मुनाफा मिलता नहीं है, जितनी वह मेहनत करते हैं. प्राकृतिक आपदाएं तो आज एक आम बात बन गई है, जंगलों में आग लगना, कई देशों में सूखा पड़ा है और कई देशों में बाढ़ जैसी घटनाएं हम देख रहे हैं.
दुनिया में बचेंगे सिर्फ 70 करोड़ लोग
इसमें एक भविष्यवाणी ऐसी है, जिस पर डिकोड करने वाले बहुत से लोग सहमत है. वह भविष्यवाणी यह है कि साल 2020 के बाद तीन बड़े-बड़े भूकंप आएंगे और यह भूकंप इतने बड़े होंगे कि इसमें जहां पर पहले पहाड़ थे, वह जमीन बन जाएगी. जहां पर जमीन थी, वह नदियां बन जाएगी और जहां पर पहले नदियां थी, वह पहाड़ बन जाएंगे. इसी भूकंप से हमारी धरती का स्वरूप बदल जाएगा, जिससे पूरी दुनिया तहस-नहस हो जाएगी.
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