Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
तेज तूफान ने परिवार पर ढाया कहर, हजारों मुर्गियों सहित बुजुर्ग की मौ'त पिता बचपन में गुजरे, मां मानसिक बीमार, झाड़ू-पोंछा करने वाली बेटी का गांव ने कराया विवाह MP के उफरी गांव में हर घर पहुंचा नल से जल, ग्रामीण बोले-यह किसी चमत्कार से कम नहीं ‘अरबाज भाई हमारे बाप हैं’… भोपाल में बदमाशों ने नाबालिग को निर्वस्त्र कर पीटा, बार-बार यही बुलवाया MP में चीतों को मिला नया घर, अब इस इलाके में शिफ्ट किए जाएंगे चीते बदमाशों ने जेसीबी से ढहा दिया पब्लिक टॉयलेट, उखाड़ ले गए गेट, कार्रवाई न होने पर CMO के पैरों में गिर... पहले इश्क, फिर निकाह और अब कत्ल, इस हालत में मिला पत्नी का शव; क्यों हैवान बना पति? छत पर सो रहा था परिवार खिड़की तोड़कर अंदर घुसे चोर, सोना चांदी सहित नगदी कर दी गायब जिम में वर्कआउट करते समय अचानक गिर गया कारोबारी, हुई मौत चीतों का पुनर्वास प्रकृति से प्रगति और प्रगति से प्रकृति के संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम : CM मोहन य...

कार्तिक मास की पहली सवारी में श्रावण जैसा उल्लास

16

उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से कार्तिक अगहन मास में सोमवार को भगवान महाकाल की पहली सवारी निकली। दोपहर 3.30 बजे मंदिर के सभा मंडप में प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने भगवान महाकाल के मनमहेश रूप का पूजन कर पालकी को नगर भ्रमण के लिए रवाना किया।

अवंतिकानाथ की एक झलक पाने के लिए सवारी मार्ग पर सैकड़ों भक्त उमड़े। संपूर्ण मार्ग पर श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली सवारी जैसा उल्लास नजर आया। महाकाल मंदिर से शुरू होकर सवारी कोटमोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी, रामानुजकोट होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंची।

यहां पुजारियों ने शिप्रा जल से भगवान महाकाल का अभिषेक कर पूजा अर्चना की। पूजन पश्चात सवारी राणौजी की छत्री घाट के रास्ते शिप्रा नदी पर बने छोटे पुल के रास्ते गणगौर दरवाजा पहुंची। द्वार से नगर के प्रवेश के बाद कार्तिक चौक, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए शाम करीब 7 बजे पुन: मंदिर पहुंची।

राजा के स्वागत में सवारी मार्ग पर रंगोली सजाई गई थी। अनेक स्थानों पर पालकी का पूजन किया गया। बतादें इस बार कार्तिक अगहन मास में भगवान महाकाल की पांच सवारी निकाली जाएगी।

23 नवंबर को वैकुंठ चतुर्दशी पर हरि हर मिलन के लिए रात 11 बजे भगवान महाकाल की सवारी निकलेगी। साल में एक बार वैकुंठ चतुर्दशी के दिन रात के समय भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाती है।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.