इटारसी। रेलवे जंक्शन पर यात्रियों को पीने के लिए बेचे जाने वाले मिनरल वाटर के अधिकृत ब्रांड को छोड़कर लाइसेंसी ठेकेदार और वेंडर ऐसी कंपनियों का पानी बेच रहे हैं, जो रेलवे की सूची में अधिकृत ही नहीं हैं। अपने कमीशन के फायदे में लाइसेंसी रेलवे को चूना लगा रहे हैं, साथ ही पूरे दाम देकर यात्रियों को रेल नीर नहीं दिया जा रहा है। ऐसी शिकायतें आए दिन सामने आती हैं।
शनिवार को स्टेशन प्रबंधक देवेन्द्र सिंह चौहान एवं डीसीआई विनोद वर्मा ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए करीब 18 पेटी अन्य कंपनियों का पानी बरामद किया। जब्त पानी को कार्रवाई के बाद पार्सल कार्यालय भेजा गया है। इस कार्रवाई से साफ हो गया है कि वेंडर और लाइसेंसी रेलवे नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
मिलता है ज्यादा कमीशन
जानकारी के अनुसार रेलवे स्टेशनों पर बिक्री के लिए सिर्फ रेल नीर ब्रांड ही अधिकृत किया गया है, रेल नीर से पहले जो ब्रांड बिकते थे, उनकी भी सूची रेलवे जारी करती थी, लेकिन रेल नीर आने के बाद अन्य कंपनियों का पानी बिकना बंद कर दिया गया है, रेल नीर की जगह दूसरी कंपनियों का लाखों रुपये का माल बेचकर लाइसेंसी अतिरिक्त कमीशन कमाते हैं, चूंकि अनाधिकृत ब्रांड कम कीमत में मिल जाते हैं, इसका फायदा कंपनियों को होता है।
महानगरी एक्सप्रेस में भी मिला पानी
निरीक्षण के दौरान प्लेटफार्म 2 पर नए फुटब्रिज के नीचे सफेद बोरियों में लावारिश हालत में मिनरल वाटर मिला था, स्टेशन प्रबंधक और डीसीआई ने बोरियां खुलवाईं तो करीब 8 पेटी पानी मिला, यह अनाधिकृत था, इसलिए इसे जब्त किया गया, बाद में इसी प्लेटफार्म पर आई 22177 महानगरी एक्सप्रेस की साइड पेंट्री में भी 10 पेटी पानी बरामद किया गया, कुल 18 पेटी पानी बोतल का स्टाक बरामद कर पार्सल कार्यालय भेजा गया है। प्लेटफार्म पर जब्त पानी को लेने कोई ठेकेदार आगे नहीं आया, लेकिन रोजाना इसी तरह यहां बड़े पैमाने पर स्टाक पर इस ब्रांड का पानी बेचा जा रहा था। अनाधिकृत ब्रांड बिकने से रेलवे को चूना लग रहा है, साथ ही रेल नीर की बिक्री भी घट रही है।
गर्मी में होती है चांदी
भीषण गर्मी में जब पानी की मांग बढ़ती है, तब स्टेशन पर रोजाना लाखों रुपये का पानी बेचा जाता है। कई वेंडरों ने बूस्टर पंप से बाल्व बंद कर पानी की कृत्रिम कमी बनाने का प्रयास भी किया था, बाल्व बंद करने से नल स्टैंड पर पानी नहीं आता था, जिससे मिनरल वाटर की खपत बढ़ती थी, इस तरह पानी के नाम पर ठेकेदार जमकर चांदी काटते हैं। डीसीआई वर्मा ने बताया कि अब नियमित रूप से जांच की जाएगी, यदि अनाधिकृत ब्रांड का पानी बेचते पाए गए तो जुर्माना किया जाएगा। यहां सिर्फ रेल नीर ही बेचा जा सकता है।
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