खरगोन। अंतरिक्ष की घटनाओं में रुचि रखने वाले लोगों के लिए अक्टूबर का महीना खास होने वाला है। इस माह खास तरह का सूर्य ग्रहण लगने वाला है जिसे रिंग ऑफ फायर ग्रहण के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा चंद्रग्रहण भी रहेगा। दोनों ग्रहण साल के अंतिम ग्रहण होंगे। इसे राशियों पर प्रभाव पड़ेगा। पंडित अरविंद डोंगरे के अनुसार इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को लगेगा।
वहीं चंद्रग्रहण 29 अक्टूबर को होगा। चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा इसलिए सूतक काल भी मान्य होगा। सूतक काल को अशुभ काल या दूषित काल माना जाता है। सूतक काल के दौरान भगवान की पूजा की नहीं होती है। सूतक काल में मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं। इतना नहीं सूतक के दौरान खाना पीना भी वर्जित होता है। मालूम हो कि सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है।
सूर्यग्रहण को रिंग आफ फायर कहा जाता है
सूर्य ग्रहण को रिंग ऑफ फायर कहा जाएगा। यह 14 अक्टूबर को लगने वाला है। इसे एन्युलर सोलर एक्लिप्स भी कहते हैं। क्योंकि सूरज इसमें एक छल्ले के जैसा दिखने लगता है जिसे अंग्रेजी में एन्युलस कहते हैं। वहीं चांद इसमें एक काली प्लेट के जैसा दिखता है। हालांकि भारत में यह सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक भी मान्य नहीं होगा। इसके बाद 29 को चंद्र ग्रहण होगा।
ऐसा संयोग बहुत कम होता है जब एक ही महीने में सूर्य और चांद दोनों पर ग्रहण लगता है। चंद्र ग्रहण रात के 1.06 बजे शुरू होगा। हालांकि चंद्रग्रहण भारत में भी दिखाई देगा। जिससे सूतक भी रहेगा। पृथ्वी से दूरी होने के कारण चंद्रग्रहण के समय सूरज को पूरी तरह से नहीं ढंक पाता है और इस कारण सूरज का प्रकाश चांद के पीछे से एक रिंग के आकार में फूट पड़ता है। जिसे रिंग ऑफ फायर कहा जाता है।
राशियों पर पड़ेगा प्रभाव
पंडित डोंगरे के मुताबिक सनातन धर्म में ग्रहण का खास महत्व है। इस साल के आखिरी सूर्य और चंग्र ग्रहण अक्टूबर महीना में देखने को मिलेगा। एक ही महीने में दो ग्रहण होने से 12 राशियां प्रभावित होंगी। दोनों ग्रहण का शुभ असर किन राशियों पर पडऩे वाला है। चंद्रग्रहण का भारत में असर रहेगा।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.