इंदौर । समन्वय से ही भारत चलता है। जो लोग भारत की परीक्षा ले रहे हैं, उन्हें हम बताना चाहते हैं कि भारत अब अग्नि परीक्षा से गुजर चुका है। भारत को रोकने वाला कोई नहीं है। सभ्यता का नया इतिहास रचने के लिए 140 करोड़ जनता तैयार है। जो इसके साथ चलेंगे, वे हमारे साथ चलेंगे। यह सभ्यता की विजय यात्रा भूगोल क्षेत्र बढ़ाने के लिए नहीं है, हमारी यह विजय यात्रा नवउदारवाद के साथ लोकमानव पैदा करने के लिए है।
ये बातें राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा ने कही। वे संस्कृति संवर्धन न्यास द्वारा आयोजित व्याख्यान में शामिल होने आए थे। सिन्हा ने कहा कि इस देश के विकास में अपनी भूमिका निभाने वाला ही सच्चा भारतीय है। ज्ञान परंपरा को पुनः जीवित करना ही हमारा लक्ष्य है। भारत अपनी नैतिकता और सभ्यता से सनातन पर हमला करने वालों से मुकाबला करेगा।
मानवता का आधिपत्य बना रहना चाहिए
सिन्हा ने कहा, ज्ञान और विज्ञान के ऊपर मानवता का आधिपत्य बना रहना चाहिए। भावना और विवेक के साम्राज्य को बनाए रखना ही भारत की ज्ञान परंपरा का लक्ष्य है। यह देश तो प्रयोगधर्मी लोगों का, आलोचनात्मक चिंतन करने वालों का और बहुआत्मीयता रखने वालों का देश है। हिंदू चेतना उदारता की रक्षा करने के लिए एक जागृति का भाव है।
हम दूसरों को बोध करवा रहे
हम किसी पर आक्रमण नहीं कर रहे, हम दूसरों को बोध करा रहे हैं कि तुम भारतीयता के निकट आ जाओ और भारतीय बन जाओ, समस्या का समाधान हो जाएगा। कार्यक्रम में विशाल राय, नवीन गोधा, प्रीति ठाकुर, वीरेंद्र गोयल, राजेश माली आदि मौजूद थे।
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