कछार खदान के लिए 721, लोफंदी के लिए 488 तो कुकुर्दीकला के लिए 431 आवेदन आए। कुल 1,640 बोलीदारों ने बंद लिफाफे में आधी रात तक आवेदन जमा किया। प्रत्येक आवेदन के पीछे आठ लाख रुपये का डीडी जमा करना पड़ा। इस बार 20 सितंबर तक आवेदन लिए गए और 21 सितंबर को गैप रखा गया। 22 सितंबर को नीलामी करने का निर्णय लेते हुए तैयारी की गई थी।
प्राधिकरण ने लिखा पर्यावरण विभाग को पत्र
रेत खदानों के ठेके के बीच अरपा बेसिन विकास प्राधिकरण के सदस्य महेश दुबे ने छत्तीसगढ़ राज्य पर्यावरण संरक्षण बोर्ड को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की इस जिले की सबसे अच्छी और महत्वपूर्ण योजना अरपा बराज को ध्यान में रखकर रेत ठेके की प्रक्रिया अपनाई जाए। अरपा बेसिन विकास प्राधिकरण की स्वीकृति भी अनिवार्य की जाए, ताकि बेदर्दी से खनन करने वालों पर अंकुश लग सके और आम लोगों को उचित दरों पर रेत भी उपलब्ध हो सके।
इस तरह आए आवेदन व मिली राशि
घाट का नाम- कछार, कुल आवेदन 721, राशि मिली-39 करोड़ 52 लाख 28 हजार रुपये घाट का नाम-लोफंदी, कुल आवेदन -488, राशि मिली-20 करोड़ 80 हजार रुपये। घाट का नाम- कुकुर्दीकला, कुल आवेदन -431, राशि मिली-18 करोड़ 53 लाख 30 हजार रुपये। कुल आवेदनों की संख्या-1,640, कुल राशि 78 करोड़ छह लाख रुपये
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